
मुंबई। बांद्रा पूर्व विधानसभा के बांद्रा, खार और सांताक्रुज (पूर्व) इलाकों में पानी की आपूर्ति में कमी, दूषित जल वितरण, सड़कों के गड्ढों और सीमेंट कंक्रीट सड़कों के निर्माण में हो रही देरी सहित कई समस्याओं को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने गुरुवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एच/पूर्व विभाग कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। हंडा मोर्चे का नेतृत्व विधायक अनिल परब और बांद्रा पूर्व के विधायक वरुण सरदेसाई ने किया। मोर्चे में बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी, पूर्व नगरसेवक, शाखा प्रमुख, महिला कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने “पानी दो नहीं तो कुर्सी खाली करो”, “कचरे पर कर रद्द करो” जैसे नारों के साथ बीएमसी प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इलाके में नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही है, जिससे झुग्गी और इमारतों में रहने वाले नागरिकों के बीच सामाजिक तनाव पैदा हो गया है। विधायक वरुण सरदेसाई ने कहा,पानी की आपूर्ति असमान हो चुकी है। झोपड़पट्टी में रहने वालों को लगता है कि उनका पानी इमारतों को दिया जा रहा है, और इमारतों में रहने वालों को लगता है कि झोपड़ियों को ज्यादा पानी दिया जा रहा है। लेकिन असली सवाल यह है कि आखिर पानी जा कहां रहा है? वहीं, विधायक अनिल परब ने कहा कि दो महीने पहले बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी ने बताया था कि मुंबई में कोई पानी कटौती नहीं हो रही है, फिर भी एच/पूर्व क्षेत्र में पानी की किल्लत बनी हुई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो शिवसेना (यूबीटी) उग्र आंदोलन करेगी।
उन्होंने कहा, “अगर हालात नहीं बदले, तो हम बीएमसी अधिकारियों के घरों की जलापूर्ति रोक देंगे और उन्हें भी यही गंदा पानी पिलाएंगे।” प्रदर्शन को देखते हुए वाकोला पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। शिवसेना नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मोर्चे के बैनर और झंडे जब्त कर लिए। इस पर परब ने नाराजगी जताते हुए कहा कि शिवसैनिक आम जनता की समस्याएं लेकर सड़क पर उतरे हैं, उन्हें अपराधी जैसा व्यवहार न किया जाए। मोर्चे के अंत में विधायक परब के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सहायक मनपा आयुक्त स्वप्ना क्षीरसागर को ज्ञापन सौंपा और समस्याओं के तत्काल समाधान की मांग की।
