पुणे। महाराष्ट्र के पुणे के तीर्थनगरी देहू से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। संत तुकाराम महाराज के 11वें वंशज 32 वर्षीय शिरीष महाराज मोरे ने बुधवार सुबह देहू स्थित अपने आवास पर आत्महत्या कर ली। पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आर्थिक तंगी ही उनके इस कदम के पीछे मुख्य कारण थी। शिरीष महाराज, जिन्होंने हाल ही में नया घर बनवाया था, ऊपरी मंजिल पर रहते थे, जबकि उनके माता-पिता ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे। मंगलवार की रात को वे अपने कमरे में चले गए, लेकिन अगली सुबह वे नीचे नहीं आए। जब उन्होंने अपने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, तो परिवार के सदस्यों ने दरवाजा तोड़ा और पाया कि वे छत के पंखे के हुक से लटके हुए थे। घटनास्थल से मिले सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी को उनकी मौत का कारण बताया गया है। पुलिस ने नोट को जब्त कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। जांच को और भी जटिल बनाते हुए यह पता चला कि उनके मोबाइल फोन का डेटा पूरी तरह से मिटा दिया गया था। सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और विस्तृत जांच शुरू की। शिरीष महाराज अगले महीने शादी करने वाले थे परिवार के सदस्यों ने बताया कि शुरू में अनिच्छुक होने के बावजूद, उन्होंने उनकी इच्छा के कारण शादी के लिए हामी भर दी थी। उनके अचानक निधन से परिवार सदमे में है। हिंदू उपदेशक संभाजी भिड़े के अनुयायी, शिरीष महाराज संत तुकाराम महाराज की शिक्षाओं को बढ़ावा देने में गहराई से शामिल थे वह वारकरी समुदाय में सक्रिय भागीदार थे।