
मुंबई। बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विशेष अदालत में 65 ऐसे गवाहों के नाम पेश किए जिन्हें अब पूछताछ की प्रक्रिया से हटाने का निर्णय लिया गया है। हटाए गए नामों में सबसे चौंकाने वाला नाम है पीटर मुखर्जी की पूर्व पत्नी शबनम सिंह का, जो अब इस मामले में अभियोजन पक्ष की गवाह नहीं रहेंगी। इंद्राणी मुखर्जी इस हत्याकांड की मुख्य आरोपी हैं, जिन्होंने अपनी ही बेटी शीना बोरा (24) की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इस जघन्य अपराध में उनके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना भी शामिल थे। राय बाद में सरकारी गवाह बन गया और उसी के खुलासे के बाद यह सनसनीखेज मामला 2015 में सामने आया। सीबीआई ने मार्च 2025 में अदालत को सूचित किया था कि कुल 125 गवाहों की अंतिम सूची तैयार की गई है, जिनमें इंद्राणी की छोटी बेटी विधि मुखर्जी और सह-आरोपी संजीव खन्ना भी शामिल थे। ताजा बदलाव में 65 नामों को हटाया गया है, जिसमें शबनम सिंह के अलावा शीना की मित्र संजना फुकन, रक्तिम और प्रणामी गोस्वामी जैसे कई अहम नाम भी हैं। हत्याकांड की कहानी में बॉलीवुड से लेकर बिज़नेस, हाई-सोसाइटी से लेकर मीडिया तक की साजिश और स्वार्थ की परतें जुड़ी हुई हैं। 2012 में हुई इस हत्या को तीन साल तक छिपाया गया, लेकिन 2015 में राय की गिरफ्तारी के बाद परत-दर-परत साजिशें सामने आईं। शीना का शव रायगढ़ के एक जंगल में जलाकर फेंक दिया गया था। 2015 में इंद्राणी, खन्ना और बाद में पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, अब सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं और मुकदमा अपनी अंतिम चरणों की ओर बढ़ रहा है। विशेष अदालत में मामले की रोजाना सुनवाई जारी है, और गवाहों से जिरह का सिलसिला चल रहा है। गवाहों की सूची से 65 नाम हटाना इस केस की दिशा और रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है। अब यह देखना बाकी है कि सीबीआई अपनी नयी गवाही रणनीति के तहत किन तथ्यों और गवाहों के सहारे इस केस को अंजाम तक पहुंचाती है।