
मुंबई। विकसित महाराष्ट्र 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना अनिवार्य है। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय महिला आयोग और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग द्वारा संयुक्त रूप से मुंबई के होटल ट्राइडेंट में दो दिवसीय ‘शक्ति संवाद’ कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण पर चर्चा और मंथन किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है तथा उनके समग्र विकास हेतु रणनीतिक निर्णय लिए जाएंगे। कार्यक्रम में विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदे, विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर, उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरहे, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, सहकारिता मंत्री बालासाहेब पाटिल, राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डिकर, गृह राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर समेत विभिन्न राज्यों के महिला आयोगों की अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर पॉश अधिनियम पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ से लेकर ‘लखपति दीदी’ योजना तक कई पहलें महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रभावी रूप से लागू की जा रही हैं और राज्य सरकार ‘केजी से पीजी’ तक लड़कियों की निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए समाज को विकृतियों के खिलाफ सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है तथा घर से ही नैतिक मूल्यों और सम्मान की भावना का विकास करना होगा। डिजिटल युग में बढ़ते अपराधों, विशेषकर डीपफेक और एआई आधारित अपराधों को रोकने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि लड़की बहन योजना के तहत 2.50 करोड़ महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये दिए जा रहे हैं, जिससे लघु उद्योग और ऋण समितियों को बढ़ावा मिल रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि सभी राज्यों के संयुक्त प्रयास से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं, जबकि महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने महिला आयोग की भूमिका और संवैधानिक प्रावधानों के महत्व पर प्रकाश डाला।