
मुंबई। पुणे के कटराज क्षेत्र में प्रस्तावित नैंसी लेक होम परियोजना को वर्ष 2004 के बाद लगभग 10 बार संशोधन की अनुमति दी गई है। इस प्रक्रिया में सर्वे नंबर 8 और 9 के स्थानों में कथित फेरबदल पहली बार सामने आया है, जिसने परियोजना की वैधता और अनुमोदन प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस मामले में महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदे ने बुधवार को संबंधित विभागों को कठोर निर्देश जारी किए हैं। सभापति द्वारा विधान भवन, मुंबई में बुलाई गई समीक्षा बैठक में जनगणना मानचित्र और गांव के नक्शे में सर्वे नंबरों की अदला-बदली पर गंभीर आपत्ति व्यक्त की गई। यह भी सामने आया कि जिला कलेक्टर, पुणे द्वारा परियोजना को गैर-कृषि उपयोग के लिए 37,973.20 वर्ग मीटर के क्षेत्र पर मंजूरी दी गई, जबकि वास्तविक निर्माण क्षेत्र लगभग 60,630.59 वर्ग मीटर है। निर्माण कार्य कहाँ और कैसे किया गया, इस पर अधिकारियों का उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभापति प्रो. राम शिंदे ने पुणे के विभागीय आयुक्त को भूमि अभिलेख विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण कर 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। बैठक में विधान सचिवालय के सचिव (4) शिवदर्शन सत्य, उप सचिव मोहन काकड़, नगर विकास विभाग की संयुक्त सचिव प्रियंका छापवाले, पुणे नगर निगम के कार्यकारी अभियंता रमेश काकड़े, उप अभियंता रूपाली ढगे, सहायक कानूनी अधिकारी नीलेश बडगुजर और नगर सर्वेक्षण अधिकारी बालासाहेब भोसले उपस्थित रहे। परियोजना से संबंधित यह विवाद निर्माण अनुमति प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निगरानी तंत्र की प्रभावशीलता पर बड़े प्रश्न खड़ा करता है। जांच रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और डेवलपर्स के विरुद्ध आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।




