
मुंबई। मुंबई के पवई क्षेत्र में रहने वाले 79 वर्षीय वरिष्ठ डॉक्टर को शेयर ट्रेडिंग की एक फर्जी योजना में लगभग 25 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। पश्चिमी क्षेत्र साइबर सेल ने इस मामले में प्रशांत चौधरी और रिचर्ड राव नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जाँच में सामने आया कि इन दोनों ने साइबर धोखेबाजों के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराए थे, जिनका इस्तेमाल इस और अन्य घोटालों से प्राप्त धनराशि को जमा करने में किया गया। 17 जुलाई को पीड़ित डॉक्टर को एक व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें एक निजी फर्म के कस्टमर केयर नंबर के साथ शेयर निवेश का विज्ञापन था। संदेश से जुड़े ग्रुप में शामिल होने के बाद उन्हें नियमित रूप से स्टॉक विश्लेषण और निवेश संबंधी सलाह भेजी जाती रही। कुछ समय बाद, ग्रुप एडमिन ने सीधे संपर्क कर उच्च रिटर्न का आश्वासन दिया और एक फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग वेबपेज पर उनके नाम से आईडी और पासवर्ड बनाया गया। ग्रुप की एक महिला भी उन्हें निवेश करने के लिए लगातार प्रेरित करती रही। जुलाई माह में उन्होंने विभिन्न शेयरों में लगभग 25 लाख रुपए निवेश किए। प्रारंभिक चरण में खाते में मुनाफा दिखाया गया, जिससे उनका विश्वास बढ़ गया। लेकिन जब उन्होंने पैसा निकालने का प्रयास किया, तो बार-बार लेन-देन विफल रहे। लगातार असफलता के बाद जब उन्होंने संबंधित लोगों से संपर्क किया, तो उन्हें “स्कोर कम होने” का बहाना बनाकर और अधिक निवेश करने को कहा गया। इनकार करने पर उनका संपर्क काट दिया गया। इसके बाद डॉक्टर ने पश्चिमी क्षेत्र साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। सत्यापन के बाद पुलिस ने अज्ञात साइबर धोखेबाजों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। जाँच के दौरान लेन-देन का पता चौधरी और राव तक पहुँचा, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।