
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) में असंतोष के सुर उभरने लगे हैं, लेकिन पार्टी को आगामी बीएमसी चुनावों में जीत का भरोसा कायम है। इस आशावाद पर भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने तंज कसते हुए कहा कि अब पार्टी को जमीन पर काम करके दिखाना होगा, केवल दावे करने से कुछ नहीं होगा। साथ ही, हाल ही में अमित शाह के रायगढ़ दौरे को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज पर की गई टिप्पणी पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भाजपा पर तीखा हमला बोला, जिसका जवाब भी चंद्रकांत पाटिल ने मजबूती से दिया। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर 500 पन्नों की एक शोधपरक किताब लिखी है। उन्होंने राउत को निशाने पर लेते हुए कहा, “संजय राउत को यह किताब दिखा दी जाए तो उन्हें चक्कर आ जाएगा। अमित शाह ने गहराई से शोध कर यह पुस्तक तैयार की है, अब बस इसे दिल्ली या पुणे में प्रकाशित करने का निर्णय लिया जाना है।” पाटिल ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा शिवाजी महाराज के आदर्शों का सम्मान करती है और उनके नाम पर राजनीति करने की जरूरत नहीं। इस बयान पर शिवसेना यूबीटी संजय राउत ने पलटवार किया है। संजय राउत ने कहा है कि चंद्रकांत पाटिल को हमारे बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारे पास उम्मीदवार है। संजय राउत ने ईवीएम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तुसली गबर्ड ने वाशिंगटन में कहा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है, जो कि अमेरिकी खुफिया विभाग के प्रमुख हैं। मोदी के दोस्त ने खुद बताया है कि महाराष्ट्र में उनकी जीत कैसे हुई है। तुम्हें उस पर ध्यान देना चाहिए। संजय राउत ने जवाब देते हुए कहा है कि सत्ता के लिए हमें अमित शाह के तलवे चाटने की जरूरत नहीं है। संजय राउत ने अपने जवाब में आगे कहा कि हमे अमित शाह के तलवे चाटने की जरूरत नहीं है। उन्होंने छत्रपति महाराज का अपमान किया है। औरंगजेब की कब्र को समाधि का दर्जा दिया है। उनके साथ उद्धव ठाकरे भी सत्ता में नहीं आना चाहते है। हम इतने असहाय और निकम्मे नहीं है। चंद्रकांत पाटिल को अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए जो कि झूठ बोलकर सत्ता में आई है।
संजय राउत ने अपमान का लगाया था आरोप
आपको बताते चले कि अमित शाह के रायगढ़ दौरे के दौरान संजय राउत ने आरोप लगाया है कि अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया है। रायगढ़ में अपने भाषण के दौरान अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज को सिर्फ शिवाजी कहकर संबोधित किया था। संजय राउत का कहना था कि महाराष्ट्र में हम उन्हें आदर से छत्रपति शिवाजी महाराज कहकर संबोधित करते है, ये अमित शाह ने उनका अपमान किया है।