Friday, June 6, 2025
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समृद्धि महामार्ग के अंतिम चरण का उद्घाटन, अब वधावन पोर्ट से सीधा जुड़ाव और शक्तिपीठ हाईवे की तैयारी: मुख्यमंत्री फडणवीस

नासिक। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को ‘हिंदु हृदय सम्राट बाळासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग’ के अंतिम चरण का उद्घाटन किया। यह बहुप्रतीक्षित परियोजना अब पूरी हो चुकी है, जिससे नागपुर से मुंबई की दूरी महज आठ घंटे में तय की जा सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इसे महाराष्ट्र के आर्थिक भविष्य का आधार बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि राज्य के 24 जिलों को जेएनपीटी बंदरगाह और भविष्य में वधावन पोर्ट से जोड़ने वाला आर्थिक गलियारा है। फडणवीस ने कहा, 2014 में जो सपना देखा था, वो आज पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण का उद्घाटन किया था, मुख्यमंत्री रहते हुए एकनाथ शिंदे ने दूसरा, दादा भुसे ने तीसरा और अब मैंने अंतिम चरण का उद्घाटन किया है।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “महायुति की गाड़ी” अब महाराष्ट्र के विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रही है।
701 किमी लंबा महात्वाकांक्षी कॉरिडोर
55,335 करोड़ रूपए की लागत से बने इस 701 किलोमीटर लंबे महामार्ग में इगतपुरी के पास 8 किलोमीटर लंबी सुरंग शामिल है, जो महाराष्ट्र की सबसे लंबी और देश की सबसे चौड़ी सुरंग मानी जा रही है। यह मार्ग नासिक और ठाणे जिलों के सह्याद्री पर्वतों को भेदता है, जिसे एक इंजीनियरिंग चमत्कार के रूप में देखा जा रहा है। इस महामार्ग पर कुल 73 पुल, कई अंडरपास व ओवरपास बनाए गए हैं ताकि वन्यजीवों की आवाजाही को सुरक्षित बनाया जा सके। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे “गेम चेंजर” बताते हुए कहा कि महामार्ग से ईंधन और समय की बचत होगी, प्रदूषण घटेगा और औद्योगिकीकरण, पर्यटन व कृषि को बढ़ावा मिलेगा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस अवसर पर 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य घोषित किया और परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों व कर्मियों की सराहना की।
भविष्य की योजना: शक्तिपीठ महामार्ग
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार अब “शक्तिपीठ महामार्ग” पर काम शुरू करने जा रही है, जो राज्य के 12 जिलों—वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग—से होकर गुजरेगा। 805 किलोमीटर लंबा यह छह लेन का हाईवे तीन शक्तिपीठों सहित कई धार्मिक स्थलों को जोड़ेगा। इस पर 26 इंटरचेंज, 48 बड़े पुल, 30 सुरंगें और आठ रेलवे क्रॉसिंग होंगी, जिसकी अनुमानित लागत ₹86,000 करोड़ होगी। इस भव्य उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, एकनाथ शिंदे, शालेय शिक्षण मंत्री दादाजी भुसे, सार्वजनिक बांधकाम मंत्री शिवेंद्रसिंह भोसले, खाद्य एवं औषध प्रशासन मंत्री नरहरी झिरवाळ सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने महामार्ग पर खुद वाहन चलाकर इसका निरीक्षण भी किया। इस उद्घाटन के साथ महाराष्ट्र ने न केवल अपने बुनियादी ढांचे को एक नई ऊंचाई दी है, बल्कि भविष्य के औद्योगिक, पर्यावरणीय और धार्मिक कनेक्टिविटी के एक मजबूत आधार की भी नींव रखी है।

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