
मुंबई/रत्नागिरी। निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। अलग-अलग स्थानों पर हुए दो हादसों ने न सिर्फ एक कंस्ट्रक्शन वर्कर की जान ले ली, बल्कि मुंबई के दादर इलाके में एक बड़े हादसे की आशंका भी पैदा कर दी। रत्नागिरी में एक प्राइवेट अस्पताल में सोमवार रात इलाज के दौरान एक कंस्ट्रक्शन वर्कर की मौत हो गई। मृतक की पहचान राम महादेव अधिकारी (58) के रूप में हुई है। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के रानाघाट के निवासी थे और फिलहाल रत्नागिरी में रह रहे थे। अधिकारी बालाजी इंजीनियरिंग वर्क्स में कार्यरत थे और एक निर्माणाधीन इमारत में सेंटरिंग का काम कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, 25 नवंबर 2025 को दोपहर करीब 12.30 बजे एक बिल्डिंग से कच्चे सीमेंट का मलबा नीचे गिराया जा रहा था। इसी दौरान एक टुकड़ा गलती से राम अधिकारी के सिर पर आ गिरा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। पहले उनका इलाज जिला सरकारी अस्पताल में किया गया, बाद में बेहतर उपचार के लिए कोल्हापुर रेफर किया गया। इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। हालांकि, सोमवार 15 दिसंबर की शाम करीब 6.45 बजे, जब उनके सहकर्मी काम खत्म कर कमरे पर लौटे, तो राम अधिकारी को बेहोशी की हालत में पाया। उन्हें तत्काल पास के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस मामले में रत्नागिरी सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
उधर, मुंबई के दादर पश्चिम इलाके में मंगलवार को एक और गंभीर हादसे ने दहशत फैला दी। सयानी रोड-प्रभादेवी रोड पर, रवींद्र नाट्य मंदिर के सामने एक निर्माणाधीन साइट पर पाइलिंग मशीन पलट गई और पास की एक रिहायशी इमारत से जा टकराई। यह निर्माण कार्य इनक्लाइन एस्टेट प्रॉपर्टीज एलएलपी द्वारा किया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, यह घटना 16 दिसंबर को शाम 4.45 से 4.50 बजे के बीच हुई, जब पाइलिंग का काम चल रहा था। अचानक मशीन का संतुलन बिगड़ा और वह गिरते हुए उदय दर्शन को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी की बिल्डिंग से टकरा गई। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इमारत के ढांचे और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। घटना से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय निवासी सहम गए। दादर पुलिस ने इस मामले में डेवलपर इनक्लाइन एस्टेट प्रॉपर्टीज एलएलपी और अन्य संबंधित लोगों के खिलाफ लापरवाही और निर्धारित सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया है। इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि निर्माण स्थलों पर मजदूरों और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं या वास्तव में उन पर अमल भी किया जा रहा है।



