
वी. बी. माणिक
मुंबई। मध्य रेलवे के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के मेन लाइन पोस्ट पर तैनात रेल सुरक्षा बल (RPF) निरीक्षक पी. बी. सिंह के अधीनस्थ कर्मचारियों पर उनका कोई नियंत्रण नहीं दिख रहा है। एएसआई से लेकर सिपाही तक अपनी मनमानी कर रहे हैं और निरीक्षक पूरी तरह से लाचार दिखाई दे रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएसटी स्टेशन परिसर में ये सिपाही खुलेआम हॉकरों को संरक्षण देते हैं और यात्रियों के साथ लूटपाट करने वाले असामाजिक तत्वों को खुला समर्थन मिल रहा है। जीपीओ इलाके में दलालों का साम्राज्य चल रहा है, जिसमें प्रदीप सिंह, दीना, महमूद, अनिल जैसे नाम सामने आए हैं। इनकी गतिविधियों में आरपीएफ के अंगद कछवे, नरेश राम किशोर चौधरी, किरण कासार और उपनिरीक्षक के एन मिश्रा, सुमन मीना की संलिप्तता भी बताई जा रही है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि मेन लाइन पोस्ट पर तैनात आरपीएफ स्टाफ आपस में ही लड़ते रहते हैं और वरिष्ठ अधिकारियों से एक-दूसरे की शिकायतें करते हैं, लेकिन किसी पर भी कार्रवाई नहीं होती। हॉकरों को पूर्ण संरक्षण प्राप्त है, जबकि वरिष्ठ अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं। यह स्थिति तब है जब यहीं पर आरपीएफ के आईजी और सीनियर डीएससी का कार्यालय भी स्थित है। एएससी अंबु कुमार तक को इस विषय की जानकारी दी गई थी और उन्होंने पत्रकार के साथ अवैध पार्किंग स्थल का निरीक्षण भी किया था तथा कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। स्टेशन के सामने खुलेआम आरपीएफ जवानों की मिलीभगत से अवैध पार्किंग संचालित हो रही है। ट्रैफिक पुलिस की भी कोई उपस्थिति नहीं रहती। नागरिकों ने इस विषय में ट्रैफिक निरीक्षक से भी शिकायत की, लेकिन परिणाम शून्य रहा। इस पूरे मामले में रेल सुरक्षा तंत्र की विफलता उजागर होती है और सवाल उठता है कि जब सुरक्षा बल ही मिलीभगत में शामिल हो, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन उठाएगा?