
मुंबई। कोयला मंत्रालय ने मुंबई में कोल गैसीफिकेशन—सतही और भूमिगत प्रौद्योगिकियों पर विशेष रोड शो का आयोजन किया। इस आयोजन में नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों, निवेशकों, तकनीकी विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया। इस पहल का उद्देश्य भारत कोयले के ‘स्वच्छ और अधिक दक्ष उपयोग’ की ओर अग्रसर हो तथा देश के विशाल कोयला भंडार को ऊर्जा और रासायनिक फीडस्टॉक जैसे टिकाऊ संसाधनों में बदलकर आर्थिक विकास को गति दी जाए। इस रोड शो में ‘फिक्की उद्योग सहयोगी’ के रूप में शामिल रहा। मुख्य संबोधन में कोयला मंत्रालय की अपर सचिव एवं नामित प्राधिकरण रूपिंदर ब्रार ने 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन को भारत की ऊर्जा यात्रा और विकास गाथा का ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि कोयला देश की ऊर्जा आवश्यकताओं की रीढ़ है और आने वाले वर्षों में भी यह राष्ट्रीय प्रगति और आर्थिक विकास का मजबूत आधार बना रहेगा। सुश्री ब्रार ने कहा कि भारत की ऊर्जा परिवर्तन और औद्योगिक विस्तार यात्रा में कोल गैसीफिकेशन केंद्रीय भूमिका निभाएगा। यह तकनीक घरेलू कोयला भंडार के पर्यावरण-संगत उपयोग का मार्ग प्रशस्त करती है और स्वच्छ ईंधन, उर्वरक, रसायन और अन्य मूल्यवर्धित उत्पादों के उत्पादन से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है। उन्होंने इसे “मदर अर्थ को लौटाने” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया क्योंकि यह पारिस्थितिक प्रभाव को कम करता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार सतही और भूमिगत दोनों प्रकार की गैसीफिकेशन परियोजनाओं के लिए मजबूत इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्वदेशी तकनीकों को प्रोत्साहित करने, अनुसंधान और विकास को सशक्त बनाने, निजी निवेश आकर्षित करने और नवीन व्यापार मॉडल विकसित करने पर बल दिया जा रहा है। अपर सचिव ने हितधारकों से अपील की कि हर निवेश और नवाचार को पर्यावरण संरक्षण, डीकार्बोनाइजेशन, परिपत्र अर्थव्यवस्था और सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से भारत ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक प्रतिस्पर्धा और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन बनाते हुए आने वाले वर्षों में और मजबूत स्थिति में खड़ा हो सकेगा।




