
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त कैबिनेट उप-समिति ने राज्य में धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों के दौरान पुलिस में दर्ज 201 आवेदनों में से 77 आवेदकों के खिलाफ मामले वापस लेने की सिफारिश की है। यह बैठक सह्याद्री अतिथि गृह में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता सांस्कृतिक मामलों और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने की। बैठक में विधि एवं न्याय विभाग के प्रधान सचिव उदय शुक्ला, अभियोजन निदेशालय के निदेशक अशोक भिलारे, गृह विभाग के उप सचिव चेतन निकम और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री शेलार ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध, गंभीर मामले तथा व्यक्तिगत और दीवानी मामले सरकार की नीति के तहत माफ नहीं किए जा सकते। विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों और पूर्व सांसदों से जुड़े छह मामलों में अंतिम निर्णय बॉम्बे उच्च न्यायालय करेगा। सरकार ने बताया कि इन 77 मामलों को पुलिस उपायुक्त की अध्यक्षता में क्षेत्रीय समिति के समक्ष रखा जाएगा, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। शेलार ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, आंदोलनकारियों और वैचारिक आंदोलनों में भाग लेने वालों के खिलाफ बिना कारण दर्ज मामलों को समाप्त करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने गणेशोत्सव, नवरात्रि उत्सव, दही हांडी, कोरोना काल के दौरान सामाजिक कार्यक्रम और श्रमिक आंदोलनों के संदर्भ में दर्ज मामलों के पुनर्विचार के लिए आवेदनों को आमंत्रित किया और कहा कि इस संबंध में जल्द ही एक और बैठक आयोजित होगी।