
मुंबई। भारतीय उद्योग जगत के पितामह और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने रतन टाटा को भारतीय उद्योग का ‘स्वच्छता रक्षक’ और शाश्वत भारतीय मूल्यों के संरक्षक बताया। राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि रतन टाटा टाटा साम्राज्य के ‘मुकुट रत्न’ थे, जिसे 150 साल पहले जमशेदजी टाटा ने स्थापित किया था। रतन टाटा ने आधुनिक प्रबंधकीय सिद्धांतों को अपनाते हुए टाटा समूह को एक विश्वसनीय भारतीय वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित किया। उन्होंने समूह के संस्थापकों के दृष्टिकोण से कभी समझौता नहीं किया। राधाकृष्णन ने रतन टाटा के योगदान को मान्यता देते हुए कहा कि उन्होंने टाटा समूह के उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से देश के 140 करोड़ लोगों के जीवन को प्रभावित किया। राज्यपाल ने रतन टाटा को ‘भारतीय उद्योग के ऋषि’ के रूप में वर्णित किया, जिन्होंने व्यक्तिगत, सामाजिक, और व्यावसायिक जीवन में उच्चतम नैतिक मानदंडों को बनाए रखा। उन्होंने यह भी कहा कि रतन टाटा ने हर क्षेत्र में आस्था, उत्कृष्टता और नवाचार के मूल्य स्थापित किए, जो भारत के भविष्य के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे। राधाकृष्णन ने अपने शोक संदेश में कहा कि रतन टाटा द्वारा स्थापित मूल्यों को अपनाना और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
