मुंबई। हाल ही में सरला द्वीप के मठाधीश महंत रामगिरि महाराज द्वारा इस्लाम के संबंध में दिए गए बयान ने महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों में हंगामा और विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है। रामगिरि महाराज के समर्थन में आए विधायक नितेश राणे ने भी एक विवादित बयान दे दिया, जिसके चलते उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग हो रही है। इस बीच, रामगिरि महाराज ने खुद सामने आकर अपने बयान पर सफाई दी है और स्पष्ट किया है कि उन्हें अपने बयान पर कोई खेद नहीं है। रामगिरि महाराज ने कहा कि उनका बयान किसी धार्मिक ग्रंथ के आधार पर था, जो ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है और जिसे बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, “सत्य को उजागर करना हमारा कर्तव्य है। मैंने जो कहा वह सत्य था और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का उदाहरण देते हुए मैंने वह बातें कही थीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह देश संविधान के अनुसार चलता है और हर नागरिक को अपना मत व्यक्त करने का अधिकार है। हालांकि, उनके बयान के बाद एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस ने उनसे अब तक कोई संपर्क नहीं किया है।रामगिरि महाराज ने कहा कि उन्हें यह अनुमान नहीं था कि उनके बयान से इतना बवाल मचेगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि “बांग्लादेश में महिलाओं के साथ हो रहे रेप पर विरोध क्यों नहीं हो रहा? मैंने जो कुछ भी कहा, वह मेरे दिल से आया और मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई विवादास्पद बात कही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के पीछे इस्लाम धर्म के लोग हैं, और यह सबके सामने स्पष्ट है। रामगिरि महाराज ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे अपने समाज में कट्टरता को दूर करें और अराजक तत्वों को नियंत्रित करें। उन्होंने कहा, जैसे हिंदू समाज में अराजकता फैलाने वालों को नियंत्रित किया जाता है, वैसे ही मुस्लिम भाइयों को भी अपने समाज में ऐसा करना चाहिए।
खेद प्रकट करने से इनकार
रामगिरि महाराज ने अपने बयान पर कोई खेद प्रकट करने से इनकार करते हुए कहा, “जो लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं कि मैंने यह बयान किसी राजनीतिक दल के इशारे पर दिया है, उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि क्या बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार आपके चुनाव को देखकर शुरू किए गए हैं? उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी पार्टी का पक्ष नहीं लेते, बल्कि जो भी अच्छा काम करता है, उसका समर्थन करते हैं। नितेश राणे के विवादित बयान पर रामगिरि महाराज ने कहा कि यह बयान लोगों की भावनाओं का प्रकटीकरण है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बयान की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन इस सवाल का जवाब नितेश राणे से ही पूछा जाना चाहिए। रामगिरि महाराज ने कहा कि “संन्यासी बनकर भगवा पहन लिया है, तो गिरफ्तारी से क्या डर?” उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ यह चेतावनी दी थी कि “अगर हिंदू एकजुट नहीं हुए तो बांग्लादेश में जो हुआ, वह भारत में भी हो सकता है।रामगिरि महाराज ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि “हमें अन्याय के सामने मुकदर्शक बनकर नहीं रहना चाहिए।