राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन थाने में रविवार को एक स्थानीय व्यक्ति ने रामदेव के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी.
चौहटन थानाधिकारी भुताराम ने बताया कि स्थानीय निवासी पठाई खान ने रविवार को बाबा रामदेव पर धार्मिक भावनाएं भड़काने संबंधी मामला दर्ज करवाया है.
उन्होंने बताया कि दर्ज शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 (ए) ( किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) और 298 (किसी व्यक्ति, वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर अपमानजनक शब्द बोलना) के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि बीते दो फरवरी को बाड़मेर में संतों की एक सभा में रामदेव ने हिंदू धर्म की तुलना इस्लाम और ईसाई धर्म से करते हुए मुस्लिमों पर आतंक का सहारा लेने और हिंदू लड़कियों का अपहरण करने का आरोप लगाया था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि ये दोनों धर्म इस्लाम व ईसाई पर धर्मांतरण का जुनून सवार था, जबकि हिंदू धर्म अपने अनुयायियों को अच्छा जीवन जीना सिखाता है. उन्होंने समुदाय की रूढ़िवादी पोशाक का भी उल्लेख किया था.
उन्होंने कहा था कि हिंदू धर्म लोगों को हिंसा, झूठ और बेईमानी में शामिल नहीं होने की शिक्षा देता है. रामदेव ने कहा था, ‘सनातन धर्म का एजेंडा है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठो. भगवान का, राम का नाम लो, योग करो और अपने आराध्य की पूरा करके कर्म योग करो. ये सनातन धर्म सिखाता है कि अच्छे से जीवन कैसे जीना है. हमारे आचार में, विचार में वाणी में सात्विक्ता, धार्मिकता, दिव्यता होनी चाहिए.’
बता दें कि महज एक हफ्ते पहले मुंबई में एक हिंदुत्ववादी नेता हिंदुओं को हथियार उठाने और ‘मुसलमानों को सबक सिखाने’ के लिए उकसा रहे थे.
यह पहली बार नहीं है जब रामदेव ने आपत्तिजनक बयान दिया है. नवंबर 2022 में उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘आप साड़ी पहनकर भी अच्छी लगती हैं, आप सलवार सूट में भी अमृता जी (महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की पत्नी) की तरह अच्छी लगती हैं और मेरी तरह से कुछ न भी पहने तो भी अच्छी लगती हैं.’
जब रामदेव ने यह बयान दिया था, तब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे मंच पर थे.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी, महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने उन्हें इस बयान के लिए नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने माफी मांग ली थी.