
मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को शिवसेना (यूबीटी) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री में “पारिवारिक भोज” के लिए मुलाकात की। राज के साथ उनकी माँ और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। हालाँकि राज ने इसे निजी मुलाकात बताया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह इस साल के अंत में होने वाले बहुप्रतीक्षित बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों से पहले दोनों चचेरे भाइयों के बीच संभावित राजनीतिक गठबंधन का संकेत है। मातोश्री में प्रवेश करते ही राज ने पत्रकारों से कहा, “यह एक पारिवारिक मुलाकात है। मेरी माँ मेरे साथ हैं। यह मुलाकात हाल के महीनों में ठाकरे भाइयों के बीच छठी है और व्यक्तिगत तथा राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर बढ़ती नज़दीकियों को दर्शाती है। राज और उद्धव के बीच नया रिश्ता पहली बार जुलाई में तब दिखाई दिया, जब उन्होंने “हिंदी थोपने” के विरोध में आयोजित रैली में मंच साझा किया। यह लगभग 20 वर्षों में उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी। इसके बाद वे परिवार विशेष अवसरों पर भी एक-दूसरे से मिलने लगे। राज जुलाई में उद्धव के जन्मदिन पर उनसे मिले और अगस्त में गणपति उत्सव के दौरान उद्धव ने दादर स्थित राज के शिवतीर्थ निवास पर उनसे मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि पर्दे के पीछे दोनों पार्टियाँ आगामी बीएमसी चुनावों के लिए संभावित सीट-बंटवारे पर चर्चा कर रही हैं। माना जा रहा है कि मनसे मुंबई में 90 से 95 सीटें मांग रही है। विश्लेषकों के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) और मनसे का संभावित गठबंधन मुंबई, ठाणे और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में मराठी वोटों को एकजुट कर राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। बीएमसी भारत का सबसे धनी नगर निकाय होने के कारण, यह संयुक्त मोर्चा भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकता है। पारिवारिक मुलाकातों के रूप में शुरू हुआ यह गठबंधन अब महाराष्ट्र की राजनीति के भविष्य को नया आकार देने वाले राजनीतिक पुनर्गठन की नींव रख सकता है।