मुंबई। भारतीय जनता पार्टीनर (भाजपा) के विधायक राहुल नार्वेकर सोमवार को निर्विरोध 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। नार्वेकर ने रविवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने चुनाव में भाग न लेने का निर्णय किया, जिसके कारण वे निर्विरोध निर्वाचित हुए। राहुल नार्वेकर ने 23 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई की कोलाबा सीट से दोबारा जीत दर्ज की थी। इससे पहले, वे 14वीं विधानसभा में ढाई साल तक अध्यक्ष रहे थे। उनके अध्यक्ष चुने जाने के बाद नई सरकार की ताकत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट होगा। इसके बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
पूर्व अध्यक्ष के तौर पर लिए गए महत्वपूर्ण फैसले
अपने पिछले कार्यकाल में, नार्वेकर ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना में विभाजन के बाद उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को वैध और “असली शिवसेना” घोषित किया था। इसी तरह, उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का वैध और “असली” गुट करार दिया था, जबकि एनसीपी की स्थापना शरद पवार ने की थी। राहुल नार्वेकर के नेतृत्व में भाजपा और सरकार की नीतियों को लेकर विधानसभा में कई अहम फैसले लिए जाने की संभावना है। विपक्षी पार्टियों की भूमिका और उनके द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दे भी आने वाले समय में महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करेंगे।