
मनोज कुमार अग्रवाल
भारतीय समाज में शिक्षक को गुरु का दर्जा प्राप्त है। हमारे समाज में शिक्षक और गुरु दोनों ही सम्मान और प्रतिष्ठा के पद हैं। आज हम किसी भी उच्च पद पर पहुंच पाए उसमें शिक्षकों के योगदान व परिश्रम को भुलाया नहीं जा सकता है। लेकिन समय के साथ साथ शिक्षक के पवित्र पेशे में भी ऐसे व्यक्तियों का प्रवेश हो गया है जो अपने कारनामों से आए दिन शिक्षक की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। कुछ समय पहले राजस्थान के जालौर जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी। यहां निजी स्कूल के टीचर ने तीसरी कक्षा के दलित छात्र को मटके से पानी पीने पर इतनी बुरी तरह से पीटा कि उसकी मौत हो गई। मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया था। इस घटना की गूंज कई दशकों तक शिक्षकों के चरित्र और व्यवहार पर सवालिया निशान लगाती रहेगी। यह सिर्फ इकलौता मामला नहीं है। आज के दौर में बहुत से शिक्षक, शिक्षक के नाम को कलंकित कर रहे हैं। यह लोग छात्र छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्हें गलत संस्कार दे रहे हैं, यहाँ तक कि कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं कि यह लोग छात्र छात्राओं के साथ अनैतिक संबंध भी बना लेते हैं। हाल ही में मेरठ (उत्तर प्रदेश) के सुपरटेक ग्रीन विलेज में ट्यूशन टीचर ने कक्षा 12 की छात्रा को कोल्ड ड्रिंक पिलाकर दुष्कर्म किया। उसके बाद अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर दो साल तक संबंध बनाए गए। ट्यूशन छोड़ने के बाद ही पीड़िता ने परिवार को मामले की जानकारी दी। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित ट्यूशन टीचर को गिरफ्तार कर लिया है। उत्तर प्रदेश के ही बलिया में एक नाबालिग दसवीं की छात्रा के साथ ट्यूशन टीचर ने रेप किया है। छात्रा को बलिया से बस्ती ले जाकर वारदात को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया है। अभी 24 अगस्त को झालावाड़ जिले के सुनेल में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में कार्यरत शिक्षक की पिटाई का वीडियो सामने आया है। लोगों ने स्कूल में घुसकर शिक्षक को लात-घूसों से पीटा। आरोप है कि शिक्षक शाहरुख ने एक छात्रा के घर में घुसकर रेप करने की कोशिश की। हंगामे के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। बाद में आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया। शिक्षक सवाई माधोपुर का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने भी टीचर को सस्पेंड कर दिया। हाल ही मे देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र में नाबालिग छात्रा से उसके संगीत के शिक्षक ने दुष्कर्म किया। पुलिस ने प्रेमनगर के रहने वाले इस शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। महाराष्ट्र के नागपुर में एक गिटार टीचर सागर सिंह पर एक नाबालिग छात्रा से बंदूक की नोक पर दो महीने तक दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। पुलिस शिकायत के अनुसार आरोपी ने छात्रा को धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो वह उसके परिवार को जान से मार देगा। आरोपी ने छात्रा को अपने फ्लैट पर बुलाया और बंदूक दिखाकर दुष्कर्म किया। गुजरात के गांधीनगर में तो एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया। गांधीनगर में एक 26 वर्षीय महिला क्लास टीचर 8वीं कक्षा के छात्र के साथ अनैतिक संबंध बनाती थी 14 वर्षीय लड़का महिला टीचर को इतना पसंद आया कि वह उसे लेकर भाग गई। 14 वर्षीय लड़के के पिता ने कलोल सिटी पुलिस स्टेशन पर जाकर शिकायत की थी। पुलिस स्टेशन में लड़के के पिता ने बताया कि 26 वर्षीय महिला टीचर उनके लड़के का यौन शोषण करती थी। अब वह उसे लेकर भाग गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हिसार की एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि वह एक एकेडमी में पढ़ती है। जुलाई महीने में एक शिक्षक ने उसे कार्यालय में बुलाया। इस दौरान आरोपी ने छात्रा का हाथ पकड़कर छेड़छाड़ व जबरदस्ती की। आरोप है कि टीचर ने छात्रा पर बार-बार शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला। छात्रा का आरोप है कि मना करने पर टीचर उसको पीटता था। आरोपी शिक्षक ने छात्रा को आपत्तिजनक वीडियो दिखाने का भी प्रयास किया। इस दौरान विरोध करने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी। तंग आकर छात्रा ने परिजनों को आपबीती बताई तो परिजनों ने हिसार एसपी को पत्र लिखकर आरोपी पर कार्रवाई की मांग की। पिछले दिनों शिक्षक के आवरण में छिपे एक नरपिशाच का भंडाफोड़ हुआ। केरल के माकपा नेता व स्कूली शिक्षक की शर्मसार करने वाली करतूत का खुलासा हुआ है। केवी शशि कुमार तीस साल तक अपने स्कूल की छात्राओं का यौन शोषण करता रहा। पुलिस ने उसे पॉक्सो के तहत गिरफ्तार कर लिया है। मामला तब खुला, जब अपने रिटायरमेंट पर उसने सोशल मीडिया पोस्ट पर खुद को आदर्श शिक्षक बताया। इसी पर पीड़ित छात्राओं ने उसके काले कारनामे उजागर किए। अब तक 75 मामले सामने आ चुके हैं। 500 से अधिक छात्राओं के शोषण की आशंका जताई जा रही है। शशि कुमार मलप्पपुरम में माकपा पार्षद रहा था। साथ ही, अनुदानित स्कूल में 38 साल शिक्षक रहा। छात्राओं ने मीटू की तर्ज पर इस बददिमाग टीचर की करतूत का पर्दाफाश किया। बताया जा रहा है कि स्कूल ने शशि कुमार को रिटायरमेंट पर ‘ग्रैंड फेयरवेल’ दिया था। तब उसने सोशल मीडिया पर खुद को ‘आदर्श शिक्षक’ बताया। इस पर एक छात्रा ने लिखा, किस प्रकार वर्षों पहले शशि कुमार उसका यौन शोषण करता था। शशि ने इसे शिक्षक संघ की आपसी गुटबाजी में लगा आरोप बताया, जल्द एक-एक कर कई छात्राएं सामने आती गईं, तब केस दर्ज हुआ। उधर एक अन्य मामले में मधेपुरा मे दसवींं की एक छात्रा के साथ अश्लील वीडियो बनाकर दुष्कर्म करने वाले शिक्षक के बाद उसके पिता सुखनंदन यादव को भी पुलिस ने जेल भेज दिया है। इस मामले में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक रंजीत कुमार ने 10 वीं की छात्रा का वीडियो बनाकर उसके साथ तीन महीने तक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। आरोपित ट्यूशन टीचर लड़की को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर यौन शोषण करता रहा। मामला उजागर तब हुआ, जब छात्रा गर्भवती हो गई। इसके बाद शिक्षक के घरवालों ने लड़की को जबरन दवा खिलाकर उसका गर्भपात करवा दिया। उधर बिहार के वैशाली में छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने पर शिक्षक की चप्पल से पिटाई मामले में नया मोड़ आ गया है। बताया जा रहा है कि शिक्षक की पिटाई लड़की के साथ छेड़छाड़ के आरोप में सरेआम की गई थी। दरअसल, लड़की ने शिक्षक पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। ऐसी सैकड़ों वारदातें सामने आई है जो शिक्षकों के सम्मान को तार तार कर रही हैं। जरूरत इस बात की है कि शिक्षा जैसे पवित्र व सम्मानित पेशे में चरित्रवान व परोपकार को जीवन का आधार मानने वाले लोगों की भर्ती की जाए। सिर्फ रोजगार के लिए वेतन जुटाने के लिए शिक्षक बनने वाले तनखैया हो सकते है शिक्षक नहीं। शिक्षक शील है, संस्कार है, चरित्र है, सम्मान है, परम्परा का वाहक है, समर्पण है, सद्गुण की खान है, वह अपने निजी अवगुण की छाया भी अपने छात्र पर नहीं पड़ने देता। वह हर कदम पर अपने शिष्यों को स्वयं से भी बेहतर व ऊंचाई पर पहुचाने के लिए प्रयत्नशील रहता है। यदि यह गुण नहीं है तो वह सिर्फ वैतनिक क्लर्क है शिक्षक नहीं है। शिक्षक के लिए अनिवार्य अर्हता उसका चरित्र है, यह उसके द्वारा हासिल की गयी एकेडमिक डिग्रियों से भी प्राथमिक होना चाहिए। एक चरित्रवान शिक्षक ही देश के लिए राष्ट्र के प्रति निष्ठावान कर्तव्यनिष्ठ नागरिकों का निर्माण कर सकता है। शिक्षा बिना दीक्षा के अधूरी है दीक्षा के लिए ही शिक्षक की महती आवश्यकता है वरना निरी खालिस डिग्री तो किताबें व आनलाइन कोचिंग अथवा गूगल गुरु से भी ज्ञान लेकर हासिल की जा सकती है लेकिन यह शिक्षा या डिग्री बिना प्राण वाले शरीर जैसी होती है। एक योग्य शिक्षक इन डिग्रियों के साथ दीक्षा वाले प्राण भी प्रत्यारोपण करता है तभी एक मनुष्य इंसान बनता है, उसमें मानवीय गुण की बुनियाद पड़ती है। मैकाले की शिक्षा में दीक्षा की कहीं व्यवस्था नहीं है यही वजह है कि हम डॉक्टर, इंजीनियर, जज, वकील, टीचर तो बना रहे हैं लेकिन इनमें से बहुत से लोगों में मानवीय मूल्यों का प्रत्यारोपण नहीं होने के कारण एक अच्छा इंसान नहीं बना पाते। देश की अधिकांश समस्याओं की जड़ यही है और इंसान बनाने के लिए श्रेष्ठ योग्य चरित्रवान शिक्षकों की जरूरत होती है। शिक्षक दिवस को सिर्फ औपचारिकता न बना कर इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।