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पुणे। पुणे पोर्शे कांड में हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है। हाल ही में पता चला था कि आरोपी नाबालिग की मां ने उसके ब्लड सैंपल को बदल दिया था। अब यह पुष्टि हुई है कि आरोपी की मां ने बेटे की जगह अपने ब्लड सैंपल दिए थे। पुलिस ने इस मामले में आरोपी की मां को एक जून को गिरफ्तार किया था। पुलिस की मांग पर अदालत ने आरोपी के माता-पिता की रिमांड 10 जून तक बढ़ा दी है। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को 19 मई को दुर्घटना के बाद नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक डॉक्टर नाबालिग के पिता विक्रम अग्रवाल के संपर्क में था। पुलिस ने आज नाबालिग के माता-पिता, दो डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारी को अदालत में पेश किया, जिसके बाद उनकी हिरासत बढ़ा दी गई। अदालत ने डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारी की हिरासत 7 जून तक और माता-पिता की रिमांड 10 जून तक बढ़ाई है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी की ऑबजर्वेशन होम की समयसीमा 12 जून तक बढ़ा दी है। पुलिस ने राज्य सरकार से इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और विशेष वकील उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। 19 मई को नाबालिग आरोपी ने अपनी पोर्श कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जान ले ली थी। इस मामले में देशभर में गुस्सा है और प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। पुलिस इस महीने के अंत तक सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर सकती है और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है।