मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित दो विधेयकों की शीघ्र मंजूरी की मांग की। चतुर्वेदी ने कहा कि ये विधेयक तीन साल पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा में पारित हुए थे, और तब से राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। चतुर्वेदी ने पत्र में उल्लेख किया कि रक्षाबंधन के अवसर पर ये विधेयक राज्य और देश की महिलाओं के लिए एक उपयुक्त उपहार होंगे। उन्होंने कहा, “दिसंबर 2021 में राज्य विधानसभा ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से जुड़े (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी थी। इसमें बलात्कार के लिए मौत की सजा का प्रावधान है और महिलाओं पर तेजाब हमलों और बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामलों में न्यूनतम सजा की अवधि बढ़ा दी गई है। चतुर्वेदी ने पत्र में राष्ट्रपति को यह भी याद दिलाया कि इस विधेयक में शिकायत दर्ज होने के दिन से जांच पूरी करने के लिए 30 दिनों की समय सीमा तय की गई है। उन्होंने आर.जी. कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुए बर्बर यौन उत्पीड़न और हत्या के मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये मामले हमें यह याद दिलाते हैं कि हम अभी भी कितना असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। प्रियंका चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 और महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून, 2020 के कार्यान्वयन के लिए विशेष न्यायालय और तंत्र को शीघ्र मंजूरी दें, ताकि इन कानूनों का प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।