
रायगढ़। रायगढ़ जिले के पेन तालुका स्थित वरवणे आश्रम स्कूल की एक छात्रा की रहस्यमय मौत के मामले में राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य और महिला छात्रावास अधीक्षक को निलंबित कर दिया है। साथ ही, उनके खिलाफ विभागीय जाँच भी प्रारंभ कर दी गई है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश अबितकर ने विधानसभा में दी। विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल के दौरान जब विधायक राजकुमार बडोले, धर्मरावबाबा आत्राम और नाना पटोले ने इस गंभीर मामले को उठाया, तब मंत्री अबितकर ने बताया कि राज्य सरकार ‘कुष्ठ रोग सुरक्षित महाराष्ट्र (कुसुम)’ अभियान चला रही है, जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य सर्वेक्षण किए जाते हैं। इसी क्रम में, वरवणे स्थित आश्रम स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा कुमारी खुशबू ठाकरे की बाईं आंख के नीचे एक निशान पाया गया था, जिसके आधार पर डॉक्टरों ने उसे कुष्ठ रोग-रोधी औषधियाँ दीं। दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई। मंत्री अबितकर ने सदन को बताया कि मौत का सही कारण जानने के लिए शव का पोस्टमॉर्टम किया गया है, और ऊतक की एस्ट्रोपैथोलॉजिकल और रक्त की रासायनिक जांच रिपोर्ट का इंतज़ार है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत दवाओं से हुई या किसी अन्य कारण से। इस बीच, आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, पेन ने भी मामले की जांच की और जांच में लापरवाही की पुष्टि होने पर संबंधित प्रधानाचार्य और महिला अधीक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई प्रगति पर है। छात्रा के परिवार को तत्काल राहत के रूप में 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी गई है। मंत्री ने यह भी कहा कि सभी जनजातीय आश्रम स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य की निगरानी और प्राथमिक उपचार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश आदिवासी विकास विभाग को दिए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।