Tuesday, October 14, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedनये भारत के शिल्‍पकार प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नाम एक और कीर्तिमान

नये भारत के शिल्‍पकार प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नाम एक और कीर्तिमान

सुरेश पचौरी
भारत के यशस्‍वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपने राजनैतिक जीवन में एक और कीर्तिमान रच दिया। वह है- मुख्‍यमंत्री तथा प्रधानमंत्री के रूप में लगातार 24 वर्षों तक देशवासियों की सेवा करने का। श्री मोदी का 7 अक्‍टूबर 2001 को गुजरात के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर अनगिनत उपलब्धियों से भरपूर है। लोकप्रियता के शिखर पर विराजमान मोदी जी का प्रभामंडल आज इतना व्‍यापक बन चुका है कि वे अब ‘वर्ल्‍ड लीडर’ बन चुके हैं। उनके नेतृत्‍व में भारत चहुंमुखी विकास कर रहा है और हमारी अर्थव्‍यवस्‍था कई गुना छलांग लगा चुकी है। देश के चतुर्दिक हिस्‍से स्‍वयमेव विकास की गवाही दे रहे हैं। कश्‍मीर से लेकर कन्‍याकुमारी तक सड़कों, रेलमार्गों, हवाई अड्डों, औद्योगिक इकाइयों, विद्युत परियोजनाओं, मेडिकल कालेजों आदि का तेजी से विस्‍तार हो रहा है। देश में आतंकवाद व नक्‍सलवाद की जड़ें खोखली होती जा रही है, साथ ही आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति से अब संपूर्ण विश्‍व प्रेरणा ले रहा है। आत्‍मनिर्भरता और सुरक्षा के मद्देनजर मोदी जी द्वारा उठाए गए कदमों से जनमानस में निश्चिंतता के भाव जागृत हुए हैं।
‘नये भारत’ के शिल्‍पकार नरेन्‍द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और सबका प्रयास’ की अवधारणा के साथ विश्‍व को भारत की शक्ति से परिचित कराया। भारतीय लोकतंत्र में अनुशासन व अन्‍त्‍योदय के महत्‍व को नये सिरे से परिभाषित कर उसे व्‍यवस्‍था का मूल आधार बनाया। साढ़े बारह वर्षों तक गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहे श्री मोदी ने गुजरात राज्‍य को औद्योगिक क्रांति का केन्‍द्र बनाकर सर्वांगीण विकास का ऐसा सिलसिला शुरू किया, जो कालांतर में ‘गुजरात मॉडल’ के रूप में जाना गया और देश के विभिन्‍न प्रदेशों ने उसे अपने-अपने राज्‍यों में अपनाकर उसे विकास का संप्रेरक माना। गुजरात में हरित क्रांति लाने का श्रेय भी मोदी जी को ही जाता है। गांव-गांव पानी पहुंचाकर लाखों एकड़ बेकार पड़ी भूमि को खेती योग्‍य बनाने के परिणाममूलक कार्य मोदी जी के ही मुख्‍यमंत्रित्‍व काल में हुए, जिससे लाखों किसान आज खुशहाली का जीवन जी रहे हैं। गुजरात की तुलना समृद्ध व विकसित राज्‍य के रूप में होने के पीछे मोदी जी का कुशल नेतृत्‍व, दूरदर्शी सोच व समर्पण अन्‍तर्निहित है। पार्टी के एक सामान्‍य कार्यकर्ता से शुरू हुई नरेन्‍द्र मोदी की सामाजिक व राजनैतिक यात्रा परिश्रम, त्‍याग, एकनिष्‍ठा व राष्‍ट्रप्रेम का जीता-जागता उदाहरण है। साधारण कार्यकर्ता से लेकर देश के प्रधान सेवक के रूप में उनके कालखंड पर दृष्टिपात करें तो यह अवधि सेवा, समर्पण और राष्‍ट्र प्रथम के अद्भुत समागम से परिपूर्ण मिलेगी। 17 वर्ष की आयु में उनके कदम जनसेवा के लिए जो आगे बढ़े, वे फिर कभी रूके नहीं। ‘इदं राष्‍ट्राय, इदं न मम्’ की उदात्त भावना से ओतप्रोत होकर उन्‍होंने अपना जीवन राष्‍ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। मोदी जी राजनीति में नैतिकता और शुचिता के पक्षधर हैं। राजनीति को वे सेवा का एक जरिया मानते हैं, धनार्जन का माध्‍यम नहीं। श्री नरेन्‍द्र मोदी एक ऐसे कर्मयोगी हैं, जिनका जीवन सेवा की संकल्‍पबद्धता तथा राष्‍ट्रबोध की दृढ़ता से ओतप्रोत है। वे ऐसे जननेता हैं, जिनके लिए संपूर्ण वसुधा कुटुम्‍बवत् है। वे भारत की 140 करोड़ जनता को अपना परिवार मानकर उसे मनसा, वाचा, कर्मणा व्‍यवहार में लाते हैं। उनके नेतृत्‍व में आज केवल आर्थिक रूप से ही नहीं वरन् सामरिक रूप से भी हमारा देश शक्तिशाली बना है। अमेरिका, रूस, चीन जैसे देश भारत का लोहा मानने लगे हैं। पड़ोसी देश चीन दोस्‍ती के लिए बेताब है। ‘आपरेशन सिंदूर’ की गाथा तो पूरे विश्‍व में गूंज रही है। दुनिया ने देखा है कि पाकिस्‍तान कैसे ‘त्राहिमाम्-त्राहिमाम्’ की स्थिति में आकर भारत के आगे गिड़गिड़ाया था। पहलगाम की घटना के बाद पाकिस्‍तान को सबक सिखाने का मोदी जी ने जो संकल्‍प लिया था, उसे पूरा कर देशवासियों को यह भरोसा दिलाया कि मोदी जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं। ‘मोदी है तो मुमकिन है’, यह कथन अब पुराना हो चुका है, अब तो ‘मोदी है तो देश सुरक्षित है’, यह विश्‍वास देशवासियों के दिलों में रच-बस गया है।
प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सदैव प्राथमिकता में रखा है, उनका मानना है कि हम सुरक्षित तभी रह सकते हैं, जब हमारे पास रक्षा संसाधन भरपूर मात्रा में उपलब्‍ध हों। इसी परिप्रेक्ष्‍य में केन्‍द्र सरकार ने देश के रक्षा बजट में काफी बढ़ोत्‍तरी की। रक्षा बजट 2014 में 46,429 करोड़ रूपये था, वह 2024 में 1.27 लाख करोड़ रूपये हो चुका है। देश में पहले 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किये जाते थे वहीं अब 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में ही तैयार हो रहे हैं। आज भारत लगभग 100 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है और भारत का निर्यात 2013-14 में 686 करोड़ रूपये का था जो बढ़कर 23,000 करोड़ रूपये हो गया है। अंतर्राष्‍ट्रीय संदर्भों में बात की जाए तो आज पूरे विश्‍व में हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी की धाक जम चुकी है। विश्‍व मंच पर उनका कद बहुत ऊंचा हो चुका है, उनका नाम दूरदर्शी व अग्रणी नेताओं में शुमार हो चुका है। वे दुनिया के जिस भी देश में जाते हैं, वहां के राष्‍ट्राध्‍यक्ष अपने देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान से उन्‍हें नवाजने में गर्व का अनुभव करते हैं। विगत साढ़े ग्‍यारह वर्षों के दौरान मोदी जी ने अनेक देशों की यात्रा की, उन देशों के साथ विभिन्‍न क्षेत्रों में हुए एमओयू इस बात के संकेत हैं कि मोदी जी ऐसे हर देश के लिए भारत का दरवाजा खोल रहे हैं, जो यहां आकर हमारी नीतियों और शर्तों के अनुसार निवेश करें, जिससे भारत समृद्धशाली बने। उल्‍लेखनीय है कि भारत के मित्र देशों की संख्‍या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, जो उभयपक्षीय व्‍यावसायिक हितों के मद्देनजर एक सुखद संकेत हैं। मोदी जी के व्‍यक्तित्‍व में भारत, भारतीयता और भारतीय संस्‍कृति का समुच्‍चय समाहित है। उनका विजन है कि भारत तरक्‍की करे, भारतीयता बरकरार रहे और भारतीय संस्‍कृति का संरक्षण-संवर्धन हो। इस दिशा में उनके निर्देशन में राजनैतिक, सामाजिक, सांस्‍कृतिक तथा आर्थिक क्षेत्रों में हुए कार्य स्‍तुत्‍य हैं। उनके नेतृत्‍व में आज ‘नया भारत’ दुनिया के सामने सर ऊंचा कर चल रहा है। भारत मजबूत तो बना ही है, अब वह ‘अजेय’ बन चुका है। श्री मोदी जी के नेतृत्व में आज का भारत विश्‍वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। अपने आत्‍मबल के सहारे हमारा देश दुनिया का प्रेरक बन चुका है। श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पिछले 24 वर्षों में देश दुनिया की सोच बदल दी। उनकी विकासोन्‍मुखी व जनहितैषी योजनाओं एवं समाज के सर्वहारा वर्ग के कल्‍याण के लिए उठाए गए कदमों की वजह से जो आमूल-चूल बदलाव आए हैं, उससे नये भारत की नई तस्‍वीर बहुत साफ देखी जा सकती है। साढ़े बारह साल मुख्‍यमंत्री के रूप में और साढ़े ग्‍यारह साल प्रधानमंत्री के रूप में सेवारत श्री नरेन्‍द्र मोदी के कार्यकाल पर विहंगम दृष्टि डाली जाए तो सुस्‍पष्‍ट नजर आता है कि उन्‍होंने भारत के मान-सम्‍मान, गौरव, गरिमा और अस्मिता से कभी समझौता नहीं किया। उन्‍होंने सदैव राष्‍ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए उसे वरीयता दी। भारत को उत्‍कर्ष, तरक्‍की व खुशहाली के सर्वोच्‍च पायदान पर ले जाने का उनका स्‍वप्‍न नि:संदेह पूरा होगा। भारत को विश्‍वगुरू बनाने के लिए अहर्निश काम करने वाले ऐसे कर्मयोगी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के प्रति हम हृदय से सद्भभावना व्‍यक्‍त करते हुए यह सद्इच्‍छा रखते हैं कि उनके नेतृत्‍व में भारत सदैव आलोकित होता रहे। (लेखक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री हैं)

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments