
नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह सचिव गोविंद मोहन और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) प्रमुख तपन डेका छत्तीसगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ अंतिम चरण के व्यापक अभियान की रूपरेखा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक भारत को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। गुरुवार शाम पहुंचे दोनों अधिकारियों को माओवादी खतरे की स्थिति की समीक्षा करने और अंतिम हमले के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करते हुए एक कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। आईबी प्रमुख तपन डेका को अभियान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट और अब तक की उपलब्धियां
हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टालु पहाड़ी क्षेत्र में 21 दिनों तक चले ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था। पिछले दो महीनों में 104 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 62 गिरफ्तार हुए और छह मारे गए। भारी मात्रा में हथियार, आईईडी, गोला-बारूद और नकदी बरामद की गई।
बड़े अभियान को मिली हरी झंडी
सूत्रों के अनुसार, व्यापक अभियान के लिए पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है। केंद्र सरकार ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करने को कहा है, ताकि नक्सलियों के प्रभाव वाले 7 राज्यों के 18 जिलों को मुक्त कराया जा सके।
विकास और कनेक्टिविटी योजनाएँ
नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को तेज़ करने के लिए सड़क संपर्क परियोजनाएं, मोबाइल कनेक्टिविटी सुधार और नागरिक कार्रवाई कार्यक्रमों पर भी जोर दिया जा रहा है। 2016 में स्वीकृत सड़क परियोजना के तहत 12,228 किलोमीटर सड़कों और 705 पुलों का निर्माण स्वीकृत हुआ, जिसमें से 9,506 किलोमीटर सड़कें और 479 पुल पूरे हो चुके हैं। 10,511 मोबाइल टावरों की योजना में अब तक 7,777 स्थापित किए गए हैं।
आदिवासी हितों का ध्यान रखने की अपील
पूर्व बीएसएफ डीजी प्रकाश सिंह ने चेतावनी दी कि नक्सल उन्मूलन के नाम पर आदिवासियों की जीवनशैली और जंगलों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को आदिवासियों में अलगाव की भावना समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे और विकास के नाम पर अवांछित दखल से बचना होगा।