
मुंबई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री जयकुमार गोरे ने निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और उप-केंद्रों में कार्यरत संविदा नर्सों, एएनएम और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को समकक्ष पदों पर शामिल कर नियमित किया जाए। यह निर्देश उन्होंने लोक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर के साथ मंत्रालय में शुक्रवार को आयोजित संयुक्त बैठक में दिए। बैठक में ग्रामीण विकास सचिव एकनाथ दावले, लोक स्वास्थ्य सचिव वीरेंद्र सिंह, स्वास्थ्य सेवाओं की आयुक्त डॉ. कादंबरी बलकवड़े, निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री गोरे ने कहा कि राज्य के कई पीएचसी में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, लैब तकनीशियन, औषधि निर्माण अधिकारी और कनिष्ठ सहायक के पद रिक्त हैं, जिन पर फिलहाल संविदा कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। ऐसे कर्मचारियों, विशेषकर नर्सों और चिकित्सा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। लोक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने बताया कि 10 वर्ष से अधिक सेवा देने वाले संविदा कर्मचारियों को वरीयता दी जाएगी और रिक्त पदों में से 30% पद इस समावेशन के लिए आरक्षित रहेंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में सोलापुर जिले के पीलिव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जीर्णोद्धार पर भी चर्चा हुई। गोरे ने बताया कि इसके लिए पहले ही 1.39 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, लेकिन लागत बढ़ने के कारण 2.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि लोक स्वास्थ्य विभाग से उपलब्ध कराई जानी चाहिए। नियमितीकरण नीति के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 10 वर्ष तक सेवा देने वाले संविदा कर्मचारियों को 70:30 के अनुपात में शामिल किया जाएगा। विभागों को इसके लिए स्वीकृत, भरे हुए और रिक्त पदों के साथ समकक्ष पदों की सूची प्रस्तुत करने और सेवा प्रवेश नियमों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।