पुणे। पुणे की एक सत्र अदालत ने विवादास्पद परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर को 25 जुलाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। यह संरक्षण उस मामले में दिया गया है जिसमें उन पर एक भूमि विवाद को लेकर एक व्यक्ति को पिस्तौल दिखाकर धमकाने का आरोप है। पुणे ग्रामीण पुलिस ने बृहस्पतिवार को इसी मामले में उनकी पत्नी एवं पूजा की मां मनोरमा खेडकर को गिरफ्तार किया था। मनोरमा को 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। दिलीप खेडकर ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। उनके वकील ने बताया कि न्यायाधीश ए एन मारे ने उन्हें सुनवाई की अगली तारीख 25 जुलाई तक ‘गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण’ प्रदान किया है। दिलीप और मनोरमा खेडकर के अलावा पांच अन्य के खिलाफ पौड़ पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें मनोरमा पुणे के मुलशी तहसील के धाडवाली गांव में कुछ लोगों को पिस्तौल से धमकाते हुए दिखी थीं। यह घटना 2023 में हुई थी। इससे पहले दिन में, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की, जिनमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शामिल है। साथ ही आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।