मुंबई। महाराष्ट्र में एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड की पत्नी ऋता आव्हाड द्वारा दिए गए एक बयान ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। एक कार्यक्रम के दौरान ऋता आव्हाड ने ओसामा बिन लादेन और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों की जिंदगी में बड़ा अंतर था, लेकिन उन्होंने लादेन को भी एक इंसान के रूप में समझने की बात कही।
कार्यक्रम में दिया गया बयान
ठाणे में एक शैक्षिक कार्यक्रम के दौरान ऋता आव्हाड ने बच्चों से कहा कि वे मोबाइल छोड़कर पढ़ाई करें और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आत्मकथा “विंग्स ऑफ फायर” पढ़ें। इसी संदर्भ में उन्होंने ओसामा बिन लादेन का भी जिक्र किया और कहा कि लादेन भी जन्म से आतंकवादी नहीं था, लेकिन वह बाद में एक आतंकवादी बन गया। उन्होंने बच्चों को लादेन पर आधारित एक किताब पढ़ने की सलाह दी, जो उसकी हत्या के बाद न्यूयॉर्क में बेस्टसेलर बनी थी। ऋता आव्हाड के इस बयान पर राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया। लादेन की तुलना एपीजे अब्दुल कलाम से किए जाने को लेकर आलोचना शुरू हो गई है। विरोधी दलों ने इस बयान को बेहद अनुचित बताया है। हालाँकि, ऋता आव्हाड ने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी मंशा केवल यह बताने की थी कि कोई जन्म से अच्छा या बुरा नहीं होता, बल्कि समाज और परिस्थितियाँ व्यक्ति को प्रभावित करती हैं।
ऋता आव्हाड की सफाई
मीडिया से बातचीत में ऋता ने कहा, “मैंने यह कहने की कोशिश की थी कि जीवन में अच्छी और बुरी दोनों तरह की चीजें होती हैं। ओसामा बिन लादेन जैसा व्यक्ति भी कभी एक आम इंसान था, लेकिन परिस्थितियों ने उसे आतंकवादी बना दिया।” उन्होंने कहा कि वह बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझाने के लिए यह उदाहरण दे रही थीं।