
समस्तीपुर/बेगूसराय। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समस्तीपुर और बेगूसराय में दो जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस सहित महागठबंधन पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने महागठबंधन को “गठबंधन नहीं, लठबंधन” बताते हुए कहा कि इसके लोग आपस में ही लड़ रहे हैं और लाठियां भांज रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- जब से बिहार चुनाव की घोषणा हुई है, तब से हम एक बात साफ देख रहे हैं। एक तरफ एनडीए है, जो सूझबूझ और नेतृत्व क्षमता से भरा है। वहीं दूसरी तरफ महालठबंधन है, जो कैमरे पर कुछ भी बोलता है और पीठ पीछे एक-दूसरे की खाल खींच रहा है। उन्होंने महागठबंधन के विभिन्न दलों की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें “अटक दल, भटक दल, लटक दल, झटक दल और पटक दल” शामिल हैं। पीएम मोदी ने राजद और लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह परिवार बिहार का सबसे भ्रष्ट परिवार है और इसके ज्यादातर सदस्य जमानत पर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवार भी भ्रष्टाचार के मामले में पीछे नहीं है और जमानत पर है। मोदी ने जोर देकर कहा कि अब बिहार ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करता।
प्रधानमंत्री ने बिहार को जंगलराज से मुक्त करने के एनडीए के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, “अक्टूबर 2005 में आपके माता-पिता ने बिहार के भविष्य के लिए एनडीए सरकार को चुना। हमें अपने वोट की ताकत समझनी होगी, क्योंकि आपके एक वोट से ही बिहार का भविष्य तय होगा। पीएम मोदी ने लालू परिवार के शासन की आलोचना करते हुए कहा कि राजद केवल अपने परिवार के भविष्य के लिए काम करता रहा, जबकि बिहार के लाखों नौजवानों का भविष्य बर्बाद हुआ। उन्होंने बेगूसराय को उदाहरण के रूप में पेश करते हुए कहा कि एक समय यह देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक था, लेकिन जंगलराज के कारण फैक्ट्रियों पर ताला लग गया और रोजगार के अवसर खत्म हो गए। प्रधानमंत्री ने कहा, “एनडीए सरकार के लिए विकास सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हमने सबसे पहले बिहार को जंगलराज से मुक्त करवाया और अब बिहार नई रफ्तार से चलेगा। जब फिर गूंजेगा, तो केवल एनडीए सरकार का नारा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन में झामुमो, वीआईपी, कांग्रेस और वामदल समेत कई दल शामिल हैं, जो अपने अहंकार में अटक, भटक, लटक, झटक और पटक रहे हैं। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि बिहार अब ऐसे परिवारों और दलों पर भरोसा नहीं करता, जिन्होंने केवल अपने निजी हितों के लिए राज्य की समृद्धि को बाधित किया।




