
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लिखे गए एक लेख ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह लेख देश के 16 प्रमुख अखबारों में प्रकाशित हुआ, जिसमें राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया और परिणामों पर गंभीर सवाल उठाए। उनके इस लेख को शिवसेना (ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने खुलकर समर्थन दिया, साथ ही भाजपा और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। संजय राउत ने भाजपा पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने चुनाव को “एकतरफा जीत” के रूप में हाइजैक कर लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव निष्पक्ष नहीं रहा, और पूरा चुनावी माहौल भाजपा के नियंत्रण में था। राउत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया और चुनाव आयोग ने भी भाजपा के पक्ष में काम किया।
पूर्व-निर्धारित सीट बंटवारे का आरोप
संजय राउत ने यह भी कहा कि भाजपा, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना, और अजित पवार गुट की एनसीपी- इन तीनों दलों के बीच सीटों का पूर्व-निर्धारित बंटवारा हुआ था। उन्होंने कहा कि यह चुनाव असल में हुआ ही नहीं, बल्कि नतीजे पहले से तय थे। राउत ने कहा कि राहुल गांधी का लेख सामने आने के बाद जनता के बीच भाजपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं और फडणवीस व मोदी का “असली चेहरा” उजागर हो गया है।
मोदी को ‘झूठ बोलने का नोबेल’ देने की बात
राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि अगर झूठ बोलने के लिए नोबेल पुरस्कार होता, तो वह मोदी को दिया जाता। उन्होंने कहा कि भाजपा की जीत जनता के समर्थन पर नहीं, बल्कि चुनावी गड़बड़ियों और झूठे प्रचार पर आधारित है।
शिंदे पर फिर बरसे राउत
इस राजनीतिक संग्राम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्होंने कभी बालासाहेब ठाकरे के विचारों का अपमान नहीं किया। लेकिन संजय राउत ने शिंदे के इस बयान को नकारते हुए उन्हें “झूठा और भ्रष्ट” करार दिया। राउत ने कहा कि शिंदे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां ही उनके चरित्र की असलियत दिखाती हैं।
भाजपा पर सेना की वर्दी के दुरुपयोग का आरोप
इसके अतिरिक्त, राउत ने भाजपा पर सेना की वर्दी का अनुचित इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान भाजपा नेता और समर्थक सेना की वर्दी में नजर आए, जो कि भारतीय संविधान के अनुसार एक गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आम नागरिकों पर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होती है, तो भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती।