
अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अयोध्या में विकास योजनाओं का उद्घाटन करने पहुंचे। अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद 15 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। धर्मपथ से होत हुए हनुमानगढ़ से होते हुए पीएम मोदी का काफिला अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पहुंचा। वहां उन्होंने नवनिर्मित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के परिसर का लोकार्पण किया। इसके बाद अयोध्या धाम से चलने वाले अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। वहां वह एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने सियावर रामचंद्र की जय के नारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आज देश- दुनिया 22 जनवरी का इंतजार कर रही है। ऐसे में अयोध्या का उत्साह निश्चित तौर पर बढ़ा हुआ है। अन्य लोगों की तरह मैं भी उस क्षण का साक्षी बनने को उत्सुक हूं। अयोध्या की सड़कों पर जो उत्साह आज दिखा, वह शानदार था। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थी के घर पहुंचकर उनसे बातचीत की। योजना को लेकर दलित मीरा के घर पहुंचकर उन्होंने योजना का फीडबैक लिया। उन्होंने मीरा मांझी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
आज यहां प्रगति का उत्सव, कुछ दिन बाद विरासत की भव्यता
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज यहां प्रगति का उत्सव हो रहा है। विकास योजनाओं का उत्सव हम मना रहे हैं। वहीं, कुछ दिन बाद हम अपनी विरासत की भव्यता को देखेंगे। पुरातन अयोध्या नगरी समृद्धि के शिखर और आनंद से भरी थी। धर्मग्रंथों में लिखी अयोध्या की उसी प्राचीन भव्यता को आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना है। यह अयोध्या नगरी पूरे यूपी के विकास को दिशा देने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय वह था जब रामलला टेंट में विराजमान थे, आज पक्का घर केवल रामलला को ही नहीं, देश के चार करोड़ गरीबों को भी मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत अपने तीर्थ को भी संवार रहा है तो 30,000 से ज्यादा पंचायत भवनों का निर्माण भी किया गया है। 315 से अधिक मेडिकल कॉलेज बने हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल कॉरिडोर का ही निर्माण नहीं हुआ है, 2 लाख से अधिक टंकियां भी बनाई गई हैं। हम आज चांद सूरज और समुद्र की गहराइयों को भी नाप रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हमें विकसित होना है तो हमें अपने ऐतिहासिक विरासत को संभाल कर रखना होगा।