
पणजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार दिवाली 2025 स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर भारतीय नौसेना के बहादुर जवानों के साथ मनाई। गोवा और कारवार के तट पर तैनात इस युद्धपोत पर उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई, उनके साथ समय बिताया और राष्ट्र की रक्षा में उनके समर्पण को नमन किया। प्रधानमंत्री ने कहा- इस साल स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सेना के जवानों के संग दिवाली मनाकर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे ‘विक्रांत’ नाम से ही पूरे पाकिस्तान में दहशत फैल गई थी। यह नाम युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मनों के हौसले पस्त कर देता है- यही है आईएनएस विक्रांत की ताकत। पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि अरब सागर में आईएनएस विक्रांत की तैनाती ही पाकिस्तान में डर का माहौल बनाने के लिए पर्याप्त थी। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के साहस ने पाकिस्तान को “रिकॉर्ड समय में घुटनों पर ला दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि “आईएनएस विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है; यह 21वीं सदी में भारत की मेहनत, प्रतिभा, क्षमता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। जिस दिन भारत को स्वदेशी आईएनएस विक्रांत प्राप्त हुआ, उसी दिन हमारी नौसेना ने औपनिवेशिक अधीनता के एक प्रमुख प्रतीक को त्याग दिया। छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर, हमारी नौसेना ने नया ध्वज अपनाया। यह भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। मोदी ने नौसेना कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें ‘भारत के सच्चे प्रहरी’ कहे जाने का गर्व महसूस होना चाहिए। उन्होंने कहा, हर कोई अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना चाहता है। मुझे भी अपने परिवार के साथ दिवाली मनाने की आदत है, इसलिए मैं आप सबके बीच, जिन्हें मैं अपना परिवार मानता हूं, दिवाली मनाने आया हूं। यह दिवाली मेरे लिए वाकई खास है। प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ बिताए पलों का उल्लेख करते हुए कहा कि “सागर की गहरी रात और सुबह का सूर्योदय इस दिवाली को कई मायनों में खास बना गया। तुम्हारे करीब रहकर, तुम्हारी सांसों को महसूस करके, तुम्हारी आंखों की चमक देखकर मुझे गर्व और संतोष का अनुभव हुआ। उन्होंने कहा कि “मैं कल से आपके साथ हूं। हर पल मैंने कुछ न कुछ सीखा है। दिल्ली से विदा लेते समय मैंने सोचा था कि मैं इस पल को खुद जीऊंगा, लेकिन आपकी मेहनत, तपस्या और समर्पण इतने ऊंचे स्तर पर हैं कि मैं इसे सही मायने में जी नहीं पाया। केवल उसकी गहराई को महसूस कर सका। पीएम मोदी ने नौसेना की तकनीकी और रणनीतिक क्षमताओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि “ये बड़े-बड़े जहाज, हवा से भी तेज चलने वाले विमान, और पनडुब्बियां प्रभावशाली हैं, लेकिन इन्हें असली ताकतवर बनाने वाला है। इन्हें चलाने वालों का साहस। ये जहाज भले ही लोहे के बने हों, लेकिन जब आप इन पर सवार होते हैं, तो ये जीवंत, सांस लेती हुई शक्तियाँ बन जाते हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों और जवानों के परिवारों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि “आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया का प्रतीक है। यह केवल समुद्री सुरक्षा का किला नहीं, बल्कि राष्ट्र की तकनीकी शक्ति और नवभारत के आत्मविश्वास का प्रतीक भी है।