मुंबई। ओबीसी को आरक्षण देने वाले अध्यादेश को रद्द करने को लेकर मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। वहीं इस संदर्भ में पहले से प्रलंबित याचिका पर आज के आज सुनवाई करने से चीफ जस्टिस ने इंकार कर दिया है। अब 8 नवंबर के दिन दूसरी याचिकाओं के साथ क्लब कर इसकी सुनवाई की जाएगी। याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण का अध्यादेश रद्द किया जाये। साथ ही यह भी कहा गया है कि ओबीसी आरक्षण का सर्वेक्षण किया जाए और तब तक इस ओबीसी आरक्षण को स्थगित कर दिया जाए। कई याचिकाओं को क्लब करके होगी सुनवाई
बता दें कि यह याचिका मराठा समाज के वकीलों ने 23 मार्च 1994 के अध्यादेश के खिलाफ दायर की है। यह याचिका बालासाहेब सराटे, प्रशांत भोसले और शिवाजी कवठेकर ने मुंबई हाईकोर्ट में दायर की है। फिलहाल तो चीफ जस्टिस ने सुनवाई से इंकार कर दिया है, लेकिन अब इस मामले पर सुनवाई अन्य याचिकाओं के साथ क्लब करके की जाएगी।
हाल ही में शांत हुआ मराठा आरक्षण का आंदोलन
बता दें कि हाल ही में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य भर में प्रदर्शन हो रहा था। हालांकि इस समय यह प्रदर्शन शांत है, लेकिन मराठा आरक्षण की आंच कब भड़क उठेगी यह कोई नहीं जानता। हाल ही में मराठा आरक्षण को लेकर 25 अक्टूबर से सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल धरना दे रहे थे। हालांकि काफी मान-मनौव्वल के बाद 2 नवंबर को उन्होंने अनशन खत्म किया। वहीं जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को मराठा आरक्षण लागू करने के लिए 2 जनवरी 2024 तक का अल्टीमेटम दिया है।