
नवी मुंबई। महाराष्ट्र के राजस्व एवं वन विभाग ने पनवेल तालुका में औद्योगिक भूमि के लिए गैर-कृषि (एनए) अनुमति देने में गंभीर अनियमितताओं के चलते पनवेल तहसीलदार विजय पाटिल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश राज्यपाल के निर्देश पर 5 सितंबर 2025 को जारी किया गया था। आदेश के अनुसार, मेसर्स मैराथन पनवेल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने 2007 में महाराष्ट्र काश्तकारी एवं कृषि भूमि अधिनियम, 1948 की धारा 63(1ए) के तहत औद्योगिक उद्देश्यों के लिए वार्डोली, पोयंजे, भिंगरवाड़ी, भिंगर, पाली बुद्रुक और भेरले गाँवों में ज़मीन खरीदी थी। तहसीलदार पाटिल ने कथित तौर पर “जानबूझकर और अक्षम्य लापरवाही” दिखाते हुए, कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना इन ज़मीनों को गैर-कृषि दर्जा दे दिया। सरकार ने निष्कर्ष निकाला कि पाटिल के इस कार्य ने महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 के नियम 3 का उल्लंघन किया। विभागीय जाँच के आदेश के साथ, पाटिल का मुख्यालय रायगढ़ जिला कलेक्टर कार्यालय में रहेगा और उन्हें बिना पूर्व अनुमति के बाहर जाने से रोका गया है। निलंबन के दौरान उन्हें निर्वाह भत्ता और अनुपूरक भत्ते जारी रहेंगे, लेकिन किसी भी निजी रोजगार या व्यवसाय में संलग्न होने की अनुमति नहीं होगी। राजस्व और वन विभाग ने स्पष्ट किया कि पाटिल को हर बार भत्ता प्राप्त करने पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह पुष्टि हो कि उन्होंने कोई निजी रोजगार या व्यवसाय नहीं किया। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई तब की गई है जब यह पाया गया कि तहसीलदार पाटिल ने महाराष्ट्र काश्तकारी और कृषि भूमि अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए एनए अनुमतियाँ प्रदान की थीं, जिससे विभागीय नियमों का गंभीर रूप से उल्लंघन हुआ।