
बीड़। महाराष्ट्र की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण का लाभ देते समय सामाजिक रूप से पिछड़े ओबीसी समुदायों को मिलने वाले मौजूदा आरक्षण लाभों में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।
ओबीसी कोटा पर मुंडे का स्पष्ट रुख
भाजपा नेता ने भगवान भक्ति गढ़ में दशहरा रैली में कहा- जिन समुदायों को सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण लाभ दिया गया था, वे आज भी पिछड़े हैं। मराठा समुदाय को भी इसी तरह के लाभ देते समय उनके कोटा में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। मुंडे ने महायुति सरकार की ओबीसी हितों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण की बहस में महाराष्ट्र की 350+ ओबीसी जातियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा- मुख्यमंत्री ने हमेशा ओबीसी अधिकारों की रक्षा की है; हम 27 प्रतिशत कोटा को कम नहीं होने देंगे।
मराठा आरक्षण और कुनबी प्रमाणपत्र विवाद
पंकजा मुंडे ने हाल ही में गठित उस समिति का उल्लेख किया, जो केवल सत्यापित ओबीसी वंश वाले मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा– मैं पद पर न होने पर भी अपने समर्थकों को नहीं छोड़ूंगी। एमएलसी बनने से पहले आत्महत्या से पाँच लोगों की जान चली गई थी। मैं गोपीनाथ मुंडे की विरासत को आगे बढ़ा रही हूँ, मैं हर जाति और धर्म के लिए लड़ूँगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि *गोपीनाथ मुंडे ने मराठा आरक्षण का समर्थन किया था, और भाजपा भी मराठा आरक्षण के खिलाफ नहीं है। लेकिन उन्होंने साफ कहा- मेरी बस यही अपील है कि ओबीसी कोटा से आरक्षण लाभ न लें। मुंडे का संबोधन सीधे तौर पर ओबीसी मतदाताओं से जुड़ा था। उन्होंने उनके 27 प्रतिशत कोटा हिस्से को कम करने वाली “साजिशों” से सुरक्षा पर जोर दिया। यह बयान ऐसे समय आया है जब 2 सितंबर को सरकार ने मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देने का प्रस्ताव जारी किया और इसके बाद मुंबई समेत कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हुए। मुंडे ने ओबीसी, दलित और बहुजन समुदायों से अपील की कि वे जातिगत विभाजन की राजनीति का शिकार न बनें। उन्होंने कहा- अगर कोई भी शोषित, गरीब या पिछड़े वर्गों के खिलाफ कोई साजिश करता है, तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें इसका मुँहतोड़ जवाब मिले। साथ ही उन्होंने इस पर चिंता जताई कि आजकल किसी गाड़ी दुर्घटना या अपराध की घटना पर भी सबसे पहले अपराधी की जाति पूछी जाती है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। पंकजा मुंडे ने अपने भाषण में भावुक होते हुए कहा- मैं शपथ लेती हूँ कि मुंडे साहेब ने जो विरासत और सम्मान मुझे दिया है, मैं उसे कभी खोने नहीं दूँगी। चाहे मैं सत्ता में हूँ या विपक्ष में, आम आदमी के हितों को मैं कभी नहीं भूलूँगी। उन्होंने अपने समर्थकों को नसीहत दी- कम खाओ, लेकिन इज्ज़त से रहो। किसी का पैसा मत लो, गलत काम मत करो, गुंडों का साथ मत दो। अच्छे लोगों के साथ हमेशा अच्छा होता है। भगवान बाबा का आशीर्वाद आप सबके साथ है। दशहरा रैली में बीड़ ज़िले के साथ-साथ पूरे राज्य से संत भगवान बाबा के भक्त और गोपीनाथ मुंडे के समर्थक बड़ी संख्या में भगवान भक्ति गढ़ पहुँचे और पंकजा मुंडे का संबोधन सुना।