
मुंबई। महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने शनिवार को मुंबई में एक विशाल विरोध मार्च का आयोजन किया, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी (शरद पवार गुट) सुप्रीमो शरद पवार, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे एक मंच पर दिखाई दिए। ‘सत्याचा मोर्चा’ (सत्य के लिए मार्च) नामक यह रैली फैशन स्ट्रीट से शुरू होकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) मुख्यालय तक पहुँची। भारी पुलिस सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के बीच हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और नागरिक इसमें शामिल हुए। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य में वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। राज ठाकरे ने चुनाव आयोग (ईसीआई) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग बिना ठीक से वेरिफिकेशन किए जल्दबाजी में नगर निगम चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास मालाबार हिल और कल्याण ग्रामीण सहित कई क्षेत्रों में 4,500 से अधिक ऐसे वोटरों की सूची है जिन्होंने कथित रूप से दो बार वोट डाला है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में ऐसी लाखों डुप्लीकेट एंट्री हैं, जिनके बावजूद चुनाव कराने की आयोग की जल्दबाजी लोकतंत्र पर प्रश्नचिह्न लगाती है। राज ठाकरे ने मंच से वोटर लिस्ट के दस्तावेज दिखाए और कहा कि कुछ डुप्लीकेट वोटर तो पुणे नगर आयुक्त के आधिकारिक आवास के पते पर भी दर्ज हैं। इसे उन्होंने “ईमानदार नागरिकों का अपमान” बताया जो मतदान के अधिकार के लिए कतारों में खड़े होते हैं। उन्होंने मांग की कि प्रत्येक चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का पूरी तरह से सत्यापन किया जाए और फर्जी या डुप्लीकेट वोटरों को पोलिंग बूथ पर ही बेनकाब किया जाए। अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने उनकी पार्टी, चुनाव चिन्ह और उनके पिता बाल ठाकरे की विरासत “चुरा ली” है। उन्होंने फिर से बीजेपी को “एनाकोंडा” करार दिया और कहा कि यह लोकतंत्र को निगलने की कोशिश कर रही है। ठाकरे ने उदाहरण देते हुए बताया कि कई फर्जी वोटर सार्वजनिक शौचालयों के पते पर पंजीकृत हैं। उन्होंने खुलासा किया कि वोटर लिस्ट में उनके परिवार के नाम हटाने की साजिश के तहत उनके पते से एक फर्जी मोबाइल नंबर जोड़ा गया था। इसे उन्होंने “लोकतंत्र की हत्या” की कोशिश बताया और नागरिकों से अपील की कि वे “वोट चोरों” को लोकतांत्रिक तरीके से जवाब दें। विपक्षी गठबंधन ने चुनाव आयोग से मांग की कि जब तक वोटर लिस्ट में सभी गड़बड़ियों को दूर नहीं किया जाता, तब तक नगर निगम चुनाव स्थगित रखे जाएं। राज ठाकरे विरोध स्थल तक लोकल ट्रेन से पहुँचे और अपने समर्थकों को भी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। इस बीच, सत्ताधारी बीजेपी ने एमवीए के आरोपों का जवाब देने के लिए गिरगांव में एक “शांत विरोध प्रदर्शन” आयोजित किया। काली पट्टी बांधकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एमवीए पर चुनाव से पहले “झूठ और भ्रम फैलाने” का आरोप लगाया। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा कि विपक्ष का यह विरोध केवल “फर्जी नैरेटिव” गढ़ने का प्रयास है। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एमवीए द्वारा संवैधानिक संशोधनों के मुद्दे पर चलाए गए “भ्रामक अभियानों” का भी उल्लेख किया।




