
बीड। ओबीसी समाज के आरक्षण मुद्दे को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में 28 सितंबर 2025 को बीड में ‘महा यलगार सभा’ के नाम से एक बड़े ओबीसी महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सभा का नेतृत्व राज्य की महायुति सरकार में मंत्री तथा वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल कर रहे हैं।
सभा के बैनर और पोस्टरों पर विधान परिषद के सभापति राम शिंदे, मंत्री पंकजा मुंडे, विधायक धनंजय मुंडे, पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर, विधायक गोपीचंद पडलकर समेत कई प्रमुख ओबीसी नेताओं की तस्वीरें प्रमुखता से छपी हैं। हालांकि, ओबीसी आरक्षण के लिए लगातार संघर्षरत लक्ष्मण हाके की तस्वीर को जगह न मिलने से नए विवाद ने जन्म ले लिया है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि हाके की कटिंग से ओबीसी आंदोलन में मतभेद और फूट के संकेत मिल रहे हैं। सोशल मीडिया पर बैनर वायरल होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या हाके को सम्मेलन से जानबूझकर बाहर रखा गया है या उन्होंने खुद को अलग रखने का निर्णय लिया है। आयोजकों ने अब तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। गौरतलब है कि हाल ही में मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल की मांग के अनुरूप राज्य सरकार ने हैदराबाद गजट लागू करते हुए मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने का निर्णय लिया था। इसी फैसले से ओबीसी समाज में नाराजगी गहराई है और छगन भुजबल, लक्ष्मण हाके और कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार जैसे नेता खुलकर विरोध कर रहे हैं। ओबीसी समाज की ओर से कहा जा रहा है कि ‘महा यलगार सभा’ का उद्देश्य सरकार के फैसले के खिलाफ समुदाय की ताकत और एकजुटता दिखाना है। लेकिन लक्ष्मण हाके की अनुपस्थिति ने इस एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।




