
पुणे। पुणे पुलिस को कुख्यात गैंगस्टर नीलेश घायवल के लंदन में ठिकाना बनाए होने की आधिकारिक पुष्टि मिल गई है। भारत में स्थित ब्रिटिश उच्चायोग से प्राप्त आधिकारिक जवाब में स्पष्ट किया गया है कि घायवल छह महीने के विज़िटर वीज़ा पर ब्रिटेन में रह रहा है, जो 6 फरवरी 2026 तक वैध है। पुणे पुलिस के जोन-3 के उपायुक्त संभाजी कदम ने बताया कि अब प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि आरोपी को जल्द भारत लाया जा सके। घायवल पर अपने भाई सचिन घायवल और अन्य सहयोगियों के साथ कोथरुड फायरिंग केस में शामिल होने का आरोप है, जिसके तहत उस पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज है। जांच में यह भी सामने आया कि अदालत के आदेश के बावजूद नीलेश घायवल ने अपना पासपोर्ट जमा नहीं किया था। उसने फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर अपने ही उपनाम “घायवल” से एक नया पासपोर्ट बनवाया और फिर लंदन भाग गया। इस प्रक्रिया में कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है, जिनकी जांच फिलहाल जारी है। सूत्रों के अनुसार, पुणे पुलिस ने पहले यूके हाई कमीशन को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर आरोपी की लोकेशन और वीज़ा स्थिति की जानकारी मांगी थी। इस जवाब के बाद अब पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और सीबीआई के साथ मिलकर प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बीच, बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी घायवल की जमानत रद्द कर दी है। पुणे पुलिस ने अदालत में उसकी जमानत निरस्त करने के लिए याचिका दायर की थी, जो स्वीकृत कर ली गई।
इंटरपोल से मिली अंतरराष्ट्रीय मदद
घायवल के फरार होने के बाद पुणे पुलिस ने इंटरपोल से मदद मांगी थी। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जबकि इससे पहले ब्लू कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है। घायवल के खिलाफ हत्या, रंगदारी, और अवैध हथियार रखने जैसे कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, घायवल के भारत लौटने के बाद मकोका के तहत कार्रवाई और फर्जी पासपोर्ट मामले में अलग से चार्जशीट दाखिल की जाएगी।




