Friday, November 21, 2025
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एमवीए गठबंधन पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं: हर्षवर्धन सपकाल

‘पार्थ पवार को बचाने की कोशिशें हो रही हैं’

मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने रविवार को स्पष्ट किया कि राज्य स्तर पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी अधिकार स्थानीय नेतृत्व को दिए गए हैं और अंतिम निर्णय 12 नवंबर को लिए जाएंगे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए सपकाल ने कहा- ऐसा कोई प्रस्ताव अब तक प्राप्त नहीं हुआ है, और 12 नवंबर की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने की कोई संभावना नहीं है। यदि कभी ऐसा कोई प्रस्ताव आता है, तो उस पर राष्ट्रीय स्तर पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन केवल एनसीपी या शिवसेना पर निर्भर नहीं है। इंडिया ब्लॉक में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक अनेक दल शामिल हैं। गठबंधन से जुड़ा कोई भी निर्णय सभी सहयोगी पार्टियों की सहमति से लिया जाएगा।
राज्य सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
सपकाल ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में न केवल मुंबई और पुणे बल्कि तालुका स्तर तक ज़मीन घोटालों का जाल फैला हुआ है। उन्होंने कहा-दलाल इस सरकार को चला रहे हैं। पुणे ज़मीन घोटाले को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। यह बेशर्म सरकार जोनिंग कमेटी की रिपोर्ट को नज़रअंदाज़ कर दोषियों को क्लीन चिट दे रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि “डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कई गंभीर मामले लंबित हैं, और उन्हें अजीत पवार के ज़मीन लेन-देन की पूरी जानकारी है।
‘पार्थ पवार को बचाने की कोशिशें हो रही हैं’
हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि “पार्थ पवार को बचाने” की कोशिशें चल रही हैं और राज्य में आर्थिक अपराधों के आरोपियों को “विजय माल्या पैटर्न” पर देश छोड़कर भागने दिया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे प्रकरण की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करे और सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को आड़े हाथ लेते हुए सपकाल ने कहा- 100 साल बाद भागवत को यह तय करना होगा कि आरएसएस का असली उद्देश्य क्या है। वे भ्रमित नज़र आ रहे हैं, और बीजेपी तथा महाराष्ट्र की राजनीति पर उनका प्रभाव लगभग समाप्त हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उनकी नहीं सुनते। उन्होंने कहा कि जब भागवत ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को अजीत पवार के साथ गठबंधन न करने की सलाह दी थी, तब भी फडणवीस ने उनकी बात नहीं मानी। सपकाल ने तीखा व्यंग्य करते हुए कहा कि आरएसएस और भागवत अब ‘रबर स्टैंप’ से भी कम प्रभावशाली रह गए हैं। सपकाल बुलढाणा में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहाँ उन्होंने राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की कार्यशैली की कड़ी आलोचना की।

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