
पुणे। पुणे में शुक्रवार को आयोजित एक भव्य समारोह में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गडकरी केवल दूरदर्शी नेता ही नहीं, बल्कि एक कर्मठ और संवेदनशील कार्यकर्ता भी हैं। उनके अभूतपूर्व कार्यों से देश में बुनियादी ढांचे का कायाकल्प हुआ है और हज़ारों लोगों का जीवन बदला है। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, लोकमान्य तिलक ट्रस्ट के अध्यक्ष रोहित तिलक, पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, डॉ. गीताली तिलक और डॉ. प्रणति तिलक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि लोकमान्य तिलक के नाम पर दिया जाने वाला यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो उनके आदर्शों और स्वाभिमान को जीवन में उतारते हैं। गडकरी में वह ‘लोकमान्य बाण’ स्पष्ट दिखता है। वे एक उत्कृष्ट शोधकर्ता हैं, जिनका ज्ञान कृषि, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, विज्ञान, वास्तुकला जैसे विविध क्षेत्रों में गहराई से समाया है। उनके कार्यों में भविष्य दृष्टि, संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व का समन्वय है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की सफलता के बाद उन्हें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जिम्मेदारी दी गई थी। आज उनके नेतृत्व में देशभर में सड़क निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव आया है। सीमावर्ती इलाकों में सड़क नेटवर्क के विस्तार से लेकर अंतरराष्ट्रीय मानकों की सड़कों तक, गडकरी का योगदान अद्वितीय है। लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें एक क्रांतिकारी, विद्वान खगोलशास्त्री, ज्योतिषज्ञ, लेखक और पत्रकार बताया, जिनकी सोच आज भी देश को दिशा देती है। उन्होंने कहा कि गडकरी उन्हीं मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस पुरस्कार के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं।
सम्मान से बढ़ी ज़िम्मेदारी: नितिन गडकरी
पुरस्कार स्वीकार करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, लोकमान्य तिलक सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा हैं। उनके नाम पर यह सम्मान मिलना मेरे लिए गौरव की बात है। यह मेरे कंधों पर एक नई जिम्मेदारी भी डालता है। मैं तिलक के स्वप्नों के भारत को साकार करने के लिए और अधिक समर्पण के साथ कार्य करूंगा। उन्होंने कहा कि तिलक ने एक आत्मनिर्भर, स्वदेशी और स्वावलंबी भारत का सपना देखा था। आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी हमें उसी भावना से काम करना चाहिए। देश के पास अपार संसाधन और प्रतिभा है – ज़रूरत सिर्फ ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करने की है। गडकरी ने बताया कि आज भारत ऑटोमोबाइल क्षेत्र में जापान को पीछे छोड़ तीसरे स्थान पर है और आने वाले समय में हम कृषि, उद्योग, अनुसंधान और बुनियादी ढाँचे में दुनिया का नेतृत्व कर सकते हैं। गडकरी ने लोकमान्य तिलक की स्मृति को नमन करते हुए यह भी कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में हम सभी को अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाना होगा, तभी तिलक के सपनों का भारत साकार होगा।