Saturday, July 19, 2025
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चलती बस से नवजात को सड़क पर फेंका, शिशु की मौत

परभणी। महाराष्ट्र के परभणी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दंपत्ति ने चलते वाहन से नवजात शिशु को सड़क पर फेंक दिया, जिससे शिशु की मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह अमानवीय घटना जिले के पाथरी-सेलु राजमार्ग पर मंगलवार सुबह करीब 7 बजे घटी। पुलिस ने दो घंटे के भीतर ही दंपत्ति को हिरासत में ले लिया है। फिलहाल महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि पुरुष आरोपी को पूछताछ के बाद नोटिस देकर रिहा किया गया है। जानकारी के अनुसार, रितिका मिलिंद ढेरे (निवासी: राहुल नगर, परभणी) और अल्ताफ मेहुद्दीन शेख (निवासी: परभणी) एक निजी ट्रैवल वैन में पुणे से परभणी की ओर यात्रा कर रहे थे। सुबह लगभग 7 बजे, जब वाहन पाथरी तालुका के अंतर्गत देवनंद्र शिवरत नहर के पास से गुजर रहा था, उसी दौरान दंपत्ति ने नवजात शिशु को सड़क पर फेंक दिया। राहगीरों ने सड़क पर पड़े लहूलुहान नवजात को देखा और तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया। पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची और सीसीटीवी फुटेज व चश्मदीदों की मदद से ट्रैवल वैन का पीछा कर कुछ ही घंटों में परभणी से आरोपियों को पकड़ लिया।
जन्म के कुछ घंटे बाद ही मौत
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि महिला ने कुछ ही घंटे पहले बच्चे को जन्म दिया था, और बिना किसी चिकित्सकीय देखभाल के यात्रा पर निकली थी। नवजात शिशु पुरुष बालक था और उसे इलाज न मिलने व सड़क पर फेंकने के कारण घातक चोटें आईं, जिससे उसकी मौत हो गई। रितिका ढेरे को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, वहीं उसके साथ मौजूद अल्ताफ शेख को पूछताछ के बाद दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस देकर रिहा कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले की विस्तृत जांच जारी है और शिशु की मृत्यु को लेकर हत्या अथवा जघन्य लापरवाही का मामला दर्ज किया जा सकता है। घटना के पीछे की मंशा, पारिवारिक परिस्थिति व दोनों के आपसी संबंधों की भी जांच की जा रही है। स्थानीय नागरिकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। कई संगठनों ने पुलिस से गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
नवजात अधिकारों पर एक बार फिर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर नवजातों के अधिकार, महिलाओं की प्रसवोत्तर देखभाल, और गर्भवती महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह भी चिंता का विषय है कि ऐसी घटनाएं समाज में सामाजिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की गिरावट को दर्शाती हैं।

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