ठाणे। रविवार सुबह उल्हासनगर के कैंप क्रमांक 4 में स्थित अंबिका मंदिर की सीढ़ियों पर एक नवजात बच्ची को बोरी में बंद कर छोड़े जाने की घटना सामने आई। स्थानीय नागरिकों ने सीढ़ियों पर रखी एक बोरी में हलचल देखी और तुरंत सामाजिक कार्यकर्ता संदीप डोंगरे और राकेश माने को इसकी जानकारी दी। दोनों कार्यकर्ता तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बोरी खोलने पर उसमें एक नवजात बच्ची मिली। संदीप डोंगरे और राकेश माने ने तत्काल विट्ठलवाड़ी पुलिस को सूचना दी। इसके बाद वे बच्ची को इलाज के लिए केंद्रीय अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने तुरंत बच्ची का उपचार शुरू किया और बताया कि उसकी हालत फिलहाल स्थिर है। मंदिर में मिलने के कारण संदीप डोंगरे और राकेश माने ने बच्ची का नाम “अंबिका” रखने का निर्णय लिया। विट्ठलवाड़ी पुलिस ने बच्ची की मां और परिवार का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि जल्द ही इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं और उन्होंने इस घटना के संबंध में मामला दर्ज करने की भी तैयारी की है। यह घटना समाज में ऐसे मामलों को लेकर चिंता पैदा करती है और स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि बच्ची को सुरक्षित और अच्छे वातावरण में पाला जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया और लोगों से अपील की है कि वे बच्चों के जीवन के प्रति जिम्मेदार बने रहें।