
मुंबई। मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम ने कहा कि भारत मॉरीशस का सबसे विश्वसनीय साझेदार है और दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के अपार अवसर मौजूद हैं। अपनी दो दिवसीय मुंबई यात्रा के दौरान उन्होंने बुधवार को होटल ट्राइडेंट में आयोजित व्यावसायिक सम्मेलन में भाग लिया, जहाँ केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत विभिन्न उद्योग समूहों के प्रमुख उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय, फिक्की, सीआईआई और मॉरीशस आर्थिक विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। डॉ. रामगुलाम ने भारत-मॉरीशस वाणिज्यिक आर्थिक भागीदारी समझौते (CECPA) की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि 2024 तक द्विपक्षीय व्यापार 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर (6,000 करोड़ रुपये) तक पहुँच गया है। उन्होंने मॉरीशस के निर्यात को 50 मिलियन डॉलर से 100 मिलियन डॉलर तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा और वित्तीय सेवाओं, पर्यटन तथा भारत-अफ्रीका-मॉरीशस त्रिपक्षीय सहयोग से व्यापार असंतुलन घटाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वास्थ्य, शिक्षा और मनोरंजन उद्योग में भारतीय कंपनियों को निवेश हेतु आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने समुद्री अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन, समुद्री ऊर्जा और बंदरगाह विकास में भारत के सहयोग की अपेक्षा व्यक्त की और कहा कि भविष्य की अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए भारत-मॉरीशस साझेदारी अत्यावश्यक है। मार्च 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान जारी ‘संयुक्त विज़न दस्तावेज़’ का हवाला देते हुए उन्होंने सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि भारत-मॉरीशस संबंध केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरे और मजबूत हैं। उन्होंने CECPA को निवेश, नवाचार और सेवाओं के क्षेत्र में नए अवसर खोलने वाला करार दिया। खट्टर ने बताया कि मॉरीशस भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक प्रमुख स्रोत बन चुका है। भारत की आर्थिक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 115 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत शीघ्र ही पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा।
ऊर्जा क्षेत्र की प्रगति पर खट्टर ने कहा कि भारत में 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण पूरा हो चुका है और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जुलाई 2025 तक 230 गीगावाट तक पहुँच गई है। इसमें सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 115 गीगावाट है। उन्होंने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य दोहराया। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत 2030 तक पाँच मिलियन टन वार्षिक उत्पादन का संकल्प भी उन्होंने साझा किया। मेट्रो और ई-बस योजनाओं पर बोलते हुए मंत्री ने बताया कि भारत के 24 शहरों में 1,069 किमी मेट्रो नेटवर्क चालू है और 949 किमी निर्माणाधीन है। केंद्र सरकार ने 10,000 ई-बसों की योजना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में भी मॉरीशस के साथ साझेदारी कर रहा है।
इस सम्मेलन ने भारत-मॉरीशस संबंधों को नई गति देने का मार्ग प्रशस्त किया है और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक जुड़ाव और वैश्विक साझेदारी के नए आयाम खोले हैं।




