
गढ़चिरौली। देश में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान को बुधवार को बड़ी सफलता मिली जब नक्सली आंदोलन के शीर्ष नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति उर्फ सोनू ने अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। कभी खूंखार नक्सली के रूप में जाने जाने वाले भूपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का समाज की मुख्यधारा में स्वागत किया और कहा कि यह नक्सल आंदोलन के अंत की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष के पहले दिन भूपति की पत्नी तारक्का के आत्मसमर्पण के बाद यह तय हो गया था कि अब नक्सली आंदोलन कमजोर पड़ रहा है। उन्होंने कहा- आज महाराष्ट्र से नक्सलवाद के अंत की शुरुआत हो चुकी है। गढ़चिरौली जिले में अब गिने-चुने नक्सली बचे हैं। उन्हें भी आत्मसमर्पण करना चाहिए, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फडणवीस ने बताया कि भूपति का आत्मसमर्पण न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के नक्सली आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उसका प्रभाव महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में गहराई तक फैला हुआ था। उन्होंने कहा- भूपति और उसके भाई ने सिरोंचा के अहेरी में नए दलम की स्थापना की थी। उन्होंने पेरीमेली, चामोर्शी, टिपागढ़, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में नक्सली आंदोलन को दिशा दी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास की नीति के तहत नक्सलवाद से बाहर निकलकर मुख्यधारा में शामिल होने का जो संदेश दिया गया, उसने असर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तैयार की गई रणनीति के चलते नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक प्रगति हुई है। भूपति जैसा शिक्षित और वैचारिक नेता जब हथियार डालता है, तो यह इस बात का संकेत है कि नक्सलवाद का वैचारिक आधार कमजोर पड़ चुका है। फडणवीस ने दावा किया कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कई वरिष्ठ नक्सली भी आत्मसमर्पण करेंगे और देश जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त होगा। उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस, विशेषकर सी 60 कमांडो बल की सराहना करते हुए कहा- सी 60 ने न केवल नक्सलियों के खिलाफ साहसिक कार्रवाई की है बल्कि भर्ती को रोककर और वरिष्ठ कैडर नेताओं का सफाया करके अभियान को गति दी है। तेलतुम्बडे जैसे नेताओं के खात्मे से नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। मैं इस सफलता के लिए पुलिस बल को विशेष बधाई देता हूं। गढ़चिरौली से शुरू हुआ यह आत्मसमर्पण अभियान नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है।




