
नागपुर। नागपुर में करीब 8000 करोड़ रुपये के निवेश से एक अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर निर्माण कारखाना स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार और मैक्स एयरोस्पेस एंड एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। यह करार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में सह्याद्री अतिथि गृह में हुआ, जिसमें उद्योग विभाग के सचिव पी. अन्बलगन और मैक्स एयरोस्पेस के अध्यक्ष भरत मलकानी ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (MIDC) के सीईओ पी. वेलरासू सहित कई वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे। परियोजना के तहत नागपुर में एक हेलीकॉप्टर निर्माण इकाई स्थापित की जाएगी, जिसका वास्तविक निर्माण कार्य 2026 से शुरू होगा। इस संयंत्र से अगले आठ वर्षों में लगभग 8000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस कारखाने में हेलीकॉप्टरों का कस्टमाइजेशन, इंटीग्रेशन, पूर्ण निर्माण और फ्लाइट टेस्टिंग की सुविधा होगी, जो इसे एक “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” बनाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मौके पर कहा कि “मैक्स एयरोस्पेस द्वारा नागपुर को हेलीकॉप्टर निर्माण के लिए चुना जाना राज्य के लिए गर्व की बात है। नागपुर पहले ही रक्षा उत्पादन हब के रूप में उभर रहा है और इस परियोजना से इस दिशा को और गति मिलेगी। राज्य सरकार इस कंपनी को हर संभव सहायता प्रदान करेगी और उम्मीद है कि तय समय में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी केंद्र सरकार की प्रमुख पहलों को सशक्त करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। नागपुर एयरपोर्ट के समीप बनने वाली इस इकाई को मौजूदा बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिससे भारत की बढ़ती एयरोस्पेस सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी। मैक्स एयरोस्पेस के चेयरमैन भरत मलकानी ने बताया कि नागपुर में रक्षा उत्पादन के लिए एक परिपूर्ण इकोसिस्टम मौजूद है और राज्य सरकार ने सभी आवश्यक सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई हैं। चूंकि मैं महाराष्ट्र का मूल निवासी हूं, इसलिए मैंने नागपुर को इस परियोजना के लिए चुना। हमारा लक्ष्य महाराष्ट्र को हेलीकॉप्टर निर्माण में अग्रणी बनाना है। इस परियोजना के माध्यम से नागपुर न केवल देश के रक्षा उत्पादन मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।