
मुंबई। महाराष्ट्र शासन के भाषा संचालनालय द्वारा आयोजित ‘माय मराठी अभिजात मराठी’ कार्यक्रम ने प्रभादेवी, मुंबई में एक नई पहचान बनाई। यह कार्यक्रम मराठी भाषा संवर्धन पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम के तहत करिष्मा सभागृह में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न विचारों और संस्कृतियों का समावेश था। कार्यक्रम की शुरुआत में भाषा संचालक विजया डोनीकर ने महाराष्ट्र राज्य की स्थापना से लेकर आज तक भाषा संचालनालय की भूमिका और भविष्य की दिशा पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष ‘मराठी भाषा: रोजगार के अवसर’ के तहत 36 जिलों में 36 मार्गदर्शन सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद, डॉ. अपर्णा बेडेकर ने संत साहित्य में मराठी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान संगीतकार कौशल इनामदार ने मराठी भाषा के विकास में संगीत कला की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कवि प्रवीण दवणे ने अभिजात मराठी के संवर्धन के लिए विविध उपायों की आवश्यकता व्यक्त की। कार्यक्रम में शार्दुल कवठेकर और संजना अरुण ने भावगीते और अभंग प्रस्तुत किए। धनश्री प्रधान ने कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तरा मोने के मिती ग्रुप द्वारा किया गया था, जबकि सहायक भाषा संचालक संतोष गोसावी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम ने मराठी भाषा के प्रति लोगों की जागरूकता और उत्साह को और बढ़ाया, और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों के आयोजन की संभावना को उजागर किया।




