
कोलकाता। केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोमवार को मुर्शिदाबाद और अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वक्फ अधिनियम विरोध के चलते प्रभावित हुए लोगों से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोलकाता हाई कोर्ट राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मामले की जांच की अनुमति देता है, तो सरकार को अदालत के आदेशों का पालन करना होगा। मजूमदार ने मीडिया से बात करते हुए कहा- हम पीड़ितों की मांगों के साथ खड़े हैं। कुछ लोग एनआईए जांच के लिए अदालत में गए हैं। अगर कोर्ट मंजूरी देता है, तो सरकार को भी वैसा ही करना होगा। ममता बनर्जी अधिकारियों पर दबाव बना रही हैं, लेकिन जिनके घर जला दिए गए हैं, वे कहां जाएंगे?
शुभेंदु अधिकारी का बयान: “हिंदू खतरे में हैं”
राज्य के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद की हिंसा को लेकर राज्य पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और मामले की एनआईए जांच की मांग की। पश्चिम बंगाल में हिंदू खतरे में हैं। हम अपनी संस्कृति और धर्म को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। हम एनआईए जांच चाहते हैं। यह राज्य पुलिस की लापरवाही है। यहां के लोग चाहते हैं कि एनआईए इस मामले को अपने हाथ में ले।करीब 10 दिनों तक बंद रहने के बाद, मुर्शिदाबाद के धुलियान में स्कूल दोबारा खुल गए हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया। 11 अप्रैल की हिंसा के बाद स्कूल बंद थे, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह हिंसा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की। 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई, जिसमें 2 लोगों की मौत, कई घायल और भारी संपत्ति का नुकसान हुआ। हजारों लोग अपने घरों से भाग गए। हिंसा बाद में मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जैसे जिलों तक फैल गई। पथराव, आगजनी और सड़क जाम जैसी घटनाएं सामने आईं।