
मुंबई। मुंबई उपनगर जिला नियोजन समिति की बैठक शुक्रवार को बांद्रा स्थित चेतना महाविद्यालय में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सांस्कृतिक कार्य और माहिती तंत्रज्ञान मंत्री तथा मुंबई उपनगर जिले के पालक मंत्री अॅड. आशीष शेलार ने की। इस बैठक में जिले में विकास निधियों के प्रभावी उपयोग, जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान और जनकल्याण योजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। मंत्री शेलार ने स्पष्ट किया कि सरकारी निधि का 100 प्रतिशत उपयोग सीधे जनता के हित में होना चाहिए और सभी कार्यान्वयन यंत्रणाओं को निर्देशित किया कि वे योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीरता बरतें और अगली बैठक से पूर्व जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए सभी प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत करें। बैठक में आदिवासी उपयोजनाओं को लेकर भी ठोस निर्देश दिए गए। शेलार ने कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासी जनगणना कराने के आदेश दिए हैं, जिससे योजनाओं की सटीक रूपरेखा बनाई जा सकेगी। उन्होंने आदिवासी पाडों और वस्तियों में सभी शहरी सुविधाएं प्रदान करने हेतु ठोस आराखड़ा बनाने का निर्देश भी दिया। साथ ही, जिले में पुरानी और धोकादायक इमारतों के पुनर्विकास को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक नई नीति के तहत 20,000 रूपए मासिक किराया सहायता देने का निर्णय लिया है, जिससे पुनर्विकास के दौरान नागरिकों को राहत मिलेगी। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर भी निर्णय लिए गए, जिनमें दरडियां गिरने की आशंका वाले क्षेत्रों में Mass Net (सुरक्षा जाली) लगाने का निर्णय लिया गया। 9 मीटर तक ऊँचाई वाली भिंतों के लिए कार्य MHADA द्वारा और उससे अधिक ऊँचाई वाली भिंतों के लिए सार्वजनिक बांधकाम विभाग (PWD) द्वारा किया जाएगा। बैठक में कुल 1,088 करोड़ रूपए के जिल्हा नियोजन खर्च को समिति ने मंजूरी दी, जिसमें कलिना स्थित फोर्स वन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना को भी हरी झंडी दी गई। इसके अलावा, विधायक प्रविण दरेकर द्वारा प्रस्तुत एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव- केतकी पाडा और आसपास के 80,000 नागरिकों को संरक्षित जंगल क्षेत्र से बाहर निकालकर उसी स्थान पर पुनर्वसन की अनुमति देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके साथ ही बैठक में जनप्रतिनिधियों ने मुंबई में बढ़ते मादक पदार्थों के व्यापार, महिला सुरक्षा, पुल-पदपथ और सड़क निर्माण, नालों की सफाई और वनभूमि या आदिवासी बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की। समग्र रूप से यह बैठक जिले के समन्वित और समावेशी विकास को दिशा देने की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।