
मुंबई। मुंबई पुलिस ने ‘सत्याचा मोर्चा’ (सच के लिए मार्च) के आयोजकों के खिलाफ कथित गैरकानूनी सभा और निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की है। आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन ने गैरकानूनी जमावड़े और सरकारी आदेशों की अवहेलना से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ज़ोन 1) ने एफ़आईआर की पुष्टि की। यह विरोध मार्च महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आयोजकों ने मार्च के लिए पूर्व अनुमति नहीं ली थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि निषेधाज्ञा के तहत रैलियों और जुलूसों की इजाज़त नहीं है, फिर भी आयोजकों ने मार्च निकाला। ‘सत्याचा मोर्चा’ का उद्देश्य वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों, डेटा के गलत उपयोग और चुनाव आयोग के कथित लापरवाह रवैये के खिलाफ विरोध जताना था। विपक्षी नेताओं का दावा है कि उन्होंने बार-बार अधिकारियों को इन मुद्दों से अवगत कराया, लेकिन जवाब न मिलने पर उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा। पुलिस के अनुसार, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और गैरकानूनी सभा आयोजित करने के आरोप में यह कार्रवाई की गई। बावजूद इसके, दक्षिण मुंबई में शनिवार को हुई रैली में लगभग 20,000 से 25,000 समर्थक शामिल हुए। रैली का नेतृत्व शिवसेना यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, एनसीपी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किया।




