
मुंबई। क्राइम ब्रांच यूनिट 8 ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ई-कॉमर्स कंपनियों को डिलीवरी कर्मियों की मदद से ठगी का शिकार बना रहा था। गिरोह ग्राहकों के ऑर्डर में हेराफेरी करता था, जिससे महंगे सामान की जगह सस्ते सामान वाले डिब्बे लौटाए जाते थे और पैसे वापस ले लिए जाते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी महंगे और सस्ते सामान के लिए अलग-अलग ऑर्डर देते थे और डिलीवरी बॉय के साथ मिलीभगत कर बारकोड स्टिकर बदल देते थे। इस प्रक्रिया के तहत ग्राहक महंगा सामान प्राप्त करने की उम्मीद में भुगतान करते, लेकिन सस्ते सामान के डिब्बे लौटते। इस तरह गिरोह लाखों रुपये की धोखाधड़ी करता था। इस मामले का संचालन क्राइम ब्रांच यूनिट 8 के प्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत सालुंके ने किया। इस कार्रवाई में सब-इंस्पेक्टर रोहन बागड़े और अनमलदार पुलिस अनमलदार भी शामिल थे। छानबीन के बाद पुलिस ने 6 अक्टूबर को चंदावरकर मार्ग, बोरीवली पश्चिम में रिलायंस डिजिटल स्टोर के सामने जाल बिछाया। इस छापेमारी में चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया और 45 लाख रुपये मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल उपकरण और अन्य सामान जब्त किए गए। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपी अंतरराज्यीय नेटवर्क के सदस्य हैं और उनके पास से बरामद सामान की जांच जारी है, जिससे पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने कितने शहरों में और कितने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को निशाना बनाया है। पुलिस इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत सालुंके ने कहा, इस प्रकार की धोखाधड़ी ग्राहक विश्वास को कमजोर करती है। हम ऐसे गिरोहों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं ताकि ऑनलाइन व्यापार सुरक्षित बना रहे।




