Maharashtra : महाराष्ट्र के मुंबई (Mumbai) में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने कड़ी फटकार लगायी है. यहां (MMRDA) के एक नोटिस को चुनौती दी गई थी जिसमें एमएमआरडीए द्वारा 48 घंटे के अंदर एक परिवार को मकान खाली करने के लिए कहा गया था. साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर मकान को नहीं खाली किया गया तो उसे जबर्दस्ती खाली कराया जाएगा. इसके बाद परिवार की दिक्कतें बढ़ गईं क्योंकि रहने के लिए कोई और व्यवस्था नहीं की गई थी और इतनी जल्दी नया आशियाना ढूंढ़ना कठिन था. अचानक अस्थायी आवास से बेदखल किए जाने की वजह से परिवार बहुत परेशान हो गया था.
ताज होटल में रखिए-अदालत
नोटिस मिलने के बाद शोभनाथ सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर इस आदेश को चुनौती दी थी. इसे लेकर अदालत ने एमएमआरडीए की जमकर खिंचाई की है. हाईकोर्ट में जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस नीला गोखले की डिवीजन बेंच ने इसपर सुनवाई करते हुए हल्के अंदाज में कहा कि, फिर याचिकाकर्ता को ताज होटल में कमरा बुक करके रखिए. वहां रहने की व्यवस्था कराईये, अब ये वहीं रहेंगे.
क्या वे भीख मांगते-अदालत
पीड़ित के वकील ने कोर्ट को बताया कि MMRDA ने आवास में ताला लगा दिया है और उन लोगों के रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. कोर्ट ने इसपर कड़ी जाराजगी जताई और MMRDA से पूछा कि ऐसे अचानक घर को कैसे खाली कराया जा सकता है? अदालत ने इसपर सवाल उठाया और पूछा कि रहने की वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना ऐसा आदेश कैसे दे सकते हैं? कोर्ट ने यह भी कहा कि पीड़ित याचिकाकर्ता के पास अदालत आने के सिवा कोई और ऑप्शन था क्या? क्या वे फ्लोरा फाउंटेन के पास भीख मांगते?