
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फ्लैट आवंटन में गड़बड़ी के मामले में माणिकराव कोकाटे से उनके विभाग वापस ले लिए हैं। अब कोकाटे बिना विभाग वाले मंत्री हैं। उनके तीनों विभाग—खेल और युवा कल्याण तथा अल्पसंख्यक विकास पोर्टफोलियो—उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सौंप दिए गए हैं। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मुख्यमंत्री की सिफारिश स्वीकार कर ली है। राजनीतिक गलियारों में अटकलें हैं कि माणिकराव के विभाग, वाल्मीकि कराड मामले के कारण इस्तीफा देने वाले धनंजय मुंडे को दिए जा सकते हैं। इस पर एनसीपी (एसपी) नेता व सांसद सुप्रिया सुले ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर धनंजय मुंडे को कैबिनेट में शामिल किया गया, तो वह बीड जाकर भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी। सुप्रिया सुले ने इस संबंध में महागठबंधन के नेताओं को भी संदेश भेजा है। इसी बीच, धनंजय मुंडे ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि यह मुलाकात पहले से तय थी, जिसमें उन्होंने परली वैजनाथ के प्रभु वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थल को केंद्र सरकार की PRASAD योजना में शामिल करने का अनुरोध किया। इसके अलावा, उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में फैक्ट्री से संबंधित मामलों पर चर्चा की।
सुप्रिया सुले की चेतावनी के जवाब में ओबीसी नेताओं ने पलटवार किया। उन्होंने सुले से मांग की कि वह माणिकराव कोकाटे का इस्तीफा मांगने के साथ-साथ पार्थ पवार का भी इस्तीफा मांगें और इसके लिए भूख हड़ताल करें। ओबीसी नेताओं ने आरोप लगाया कि बीड के स्थापित लोग मुंडे परिवार को निशाना बना रहे हैं और पवार परिवार इसका नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि धनंजय मुंडे का इस्तीफा मीडिया ट्रायल के जरिए लिया गया था। ओबीसी नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सुप्रिया सुले बीड में भूख हड़ताल करती हैं, तो बारामती में भी ओबीसी समुदाय के नेता ऐसा करेंगे, क्योंकि उनका कहना है कि महाराष्ट्र का पूरा ओबीसी समुदाय मुंडे के साथ है और उन्हें मंत्री पद मिलना चाहिए।




